करौली की कैलादेवी
माँ करौली की कैलादेवी का मन्दिर का इतिहास एक हजार वर्ष पुराना है जबकि यह मन्दिर उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठ में से एक है यहाँ पर माँ कैलादेवी की मुख्य प्रतिमा के साथ माँ चामुण्डा की प्रतिमा भी विराजमान है
लाल पत्थर से इस माता के मन्दिर का निर्माण राजा रघुदास के करवाया था |
करौली की कैलादेवी का मन्दिर 27 किमी दूर कैला गाँव में स्थापित है जो कि राजस्थान राज्य के करौली जिले में स्थित है |
राजा भोमपाल ने त्रिकूट मन्दिर की पहाड़ी की तलहटी में स्थित मन्दिर का निर्माण करवाया था |
इस माता के घने इलाके में नकासुर नामक का राक्षस रहता है जो आसपास के इलाके में काफी आतंक कायम कर रखा था |
करौली से कैला देवी कितनी किलोमीटर दूर है?
करौली के इलाके से कैला देवी का मन्दिर 25 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है जो कि काफी प्रसिद्ध मन्दिर है और यह माता का मन्दिर कालीसिल नदी के किनारे पर बना हुआ है |
माँ कैलादेवी के मेले में मीणा जाति के द्वारा नृत्य किया जाता है जो की यह नृत्य माँ को प्रसिद्ध करने के लिए किया जाता है यह मेला चेत्र नवरात्रा में भरता है इस समय मेले में काफी भीड़ रहती है इस माता के दर्शन के लिए लोग गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली आदि स्थानों से आते है|
करौली की कैलादेवी से संबंधित कुछ तथ्य :-कहाँ जाता है कि कैला देवी मंदिर उत्तर भारत के प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों में से एक मन्दिर है | और मंदिर के पास में मौजूद कालीसिल नदी भी चमत्कारिक नदी बतायी गई है| यहां वर्ष में एक बार लक्खी मेले का भी आयोजन होता है| जिसमें बड़ी दूर जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली तथा गुजरात सहीत अनेक राज्यों से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते है| जब ही नवरात्रा में भी यहां पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है| साथ में कहा जाता है कि यहां दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों को कालीसिल नदी में स्नान कर माता के दर्शन करने से कई प्रकार के रोंग एवं कष्ट दूर होते है| करौली की कैलादेवी के नवरात्रि में माता के दर्शन करने से उनके विशेष आशीर्वाद प्राप्त किये जाते है|
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