bulb ka avishkar kisne kiya

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bulb-bulb ka avishkar kisne kiya

आप सभी को पता होगा की आज कल सभी घरों और जगहों पर एलईडी(LED) बल्बों का इस्तेमाल हो रहा है इससे पहले सीएफएल का भी सबसे अधिक इस्तेमाल हुआ लेकिन पहले के बल्ब तापदीप्त बल्ब या इन्कैंडिसेंट बल्ब था

पहले के बल्बों में एक पतला फिलामेन्ट (तार) होता था इस तार से जब बिदयुत धार बहती है तब ये गर्म होकर प्रकाश उत्पन्न करता है तथा बल्ब गरम होने के कारण प्रकाश का उत्सर्जन करने की घटना को तापदीप्ति कहते है |तथा इस तार को काँच के बल्ब के अंदर रखा जाता है क्योंकि इसमे ऑक्सीजन न पहुंच पाए ताकि ये खराब न हो |

Query :-पहले वाले बल्ब नाम तथा बल्ब के तार को काँच के अंदर क्यों रखा जाता है?– पहले का बल्ब तापदीप्त बल्ब या इन्कैंडिसेंट बल्ब था और तार को काँच के अंदर इसलिए रखा जाता है कि ऑक्सीजन न पहुंचे क्योंकि ऑक्सीजन जाने से तार खराब हो जाता है |

बल्ब का आविष्कार किसने और कब किया?-bulb ka avishkar kisne kiya

बल्ब का आविष्कार सन् 1878 में थॉमस एडीसन ने किया था थॉमस एडीसन को आमतौर पर प्रकाश बल्ब के आविष्कार का श्रेय दिया गया है, जिसमे उन्होंने कार्बनीकृत बांस के फिलामेंट का प्रयोग किया था |

Query :-बल्ब का आविष्कार किसने और कौनसे बांस के फिलामेंट का प्रयोग किया?-बल्ब का आविष्कार थॉमस एडीसन, डेवीऔर स्वान ने किया था उन्होंने कार्बनीकृत बांस के फिलामेंट का प्रयोग किया था|

जाने बल्ब का आविष्कारक कौन है?

बल्ब का आविष्कारक जॉन एम्ब्रोस फ्लेमिंग है

Query :- जॉन एम्ब्रोस फ्लेमिंग कौन है?- जॉन एम्ब्रोस फ्लेमिंग बल्ब का आविष्कारक है

जाने बल्ब का आविष्कार कैसे हुआ?

जोसेफ विल्सन स्वान नामक एक अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी ने एक खाली कांच के बल्ब में कार्बोनेटेड पेपर फिलामेंट्स को संलग्न करके एक ‘लाइट बल्ब’ सन् 1850 में बनाया |

बल्ब का आविष्कार ‘जनरल इलेक्ट्रिक’ अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कम्पनी में काम करने वाले इंजीनियरिंग निक होलोनाइक द्वारा 1962 में किया गया था अब तक इस बल्ब के आविष्कार के 59 वर्ष पूरे हो गये है जिसका उपयोग पूरी दुनिया कर रही है |

Query :- अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कम्पनी में काम करने वाले इंजीनियरिंग ने बल्ब का आविष्कार कब किया?-इंजीनियरिंग निक होलोनाइक ने सन् 1962 में किया था |

प्रथम थर्मामीटर विकसित करने वाला वैज्ञानिक कौन है?

प्रथम थर्मामीटर विकसित गैलीलियो गैलीलि ने किया था |

थर्मामीटर क्या है?

यह एक प्रकार का उपकरण है जिसका उपयोग किसी पदार्थ के तापमान को मापने के लिए किया जाता है जिसका अर्थ गर्म और मेट्रोन है

देखा जाये तो थर्मामीटर एक मोहरबंद ग्लास ट्यूब से बने होते है जिसमे बल्ब तरल युक्त होता है जैसे वैज्ञानिको द्वारा तरल का परिक्षण किया गया था तब यह गर्म और ठंडा था जिससे तरल तरल ट्यूब के ऊपर और नीचे बढ़ेगा |

देखा जाये तो ट्यूब पर एक तापमान स्केल लाइने होती है जैसे केल्विन स्केल, थर्मामीटर में तापमान स्केल लाइनों को देख कर ही मापदंड नापा जाता है |

ब्रिटिश के वैज्ञानिक जेम्स जौले ने थर्मामीटर का इस्तेमाल करते हुए गर्मी के मैकेनिकल समकक्षो को देखते हुए सन् 1843 में प्रयोग किया था उन्होंने पानी में वजन वाला पैडल डालकर यह पता लगाया की वजन वाला पैडल नीचे जाने से ऊर्जा गर्म या ठंडी उत्पन्न होती है जिससे पता लगा की गर्म ऊर्जा उत्पन्न हुई |

Query :- जेम्स जौले कहाँ के वैज्ञानिक तथा थर्मामीटर का इस्तेमाल कब किया?-जेम्स जौले ब्रिटिश के वैज्ञानिक थे उन्होंने थर्मामीटर का प्रयोग 1843 में किया |

भारत में लाइट कब आई?

भारत में बिजली की शुरुआत सबसे पहले कोलकाता में हुई थी पहली बिजली की रोशनी कलकता में 1879 में और फिर 1881 में जलाई गयी थी |

Conclusion

मुझे उम्मीद है आपको बल्ब का आविष्कार किसने और कब किया तथा बल्ब क्या है यह लेख आपको पसंद आया होगा | धन्यवाद

यहाँ भी पढ़ें :-रेडियो का आविष्कार किसने और कब किया

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