Vidyut Dhara- विधुत धारा

vidyut dhara-विधुत धारा :- किसी भी वस्तु में विधुत का प्रवाह होना या विधुत आवेश की गति को विधुत धारा कहते है |

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Vidyut Dhara- विधुत धारा क्या है

विधुत धारा एक प्रकार किसी तत्व या पदार्थ में इलेक्ट्रॉन्स का प्रवाह विधुत धारा कहलाता है जबकि यह एक परमाणु से दूसरे परमाणु से होकर विधुत का प्रवाह किया जाता है

विधुत धारा के तत्वों के परमाणुओं में बल लगाकर इलेक्ट्रॉन्स को गतिमान किया जा सकता है ज्यादा से ज्यादा धातुओं में एक या दो इलेक्ट्रॉन्स ही पाये जाते है |

Vidyut Dhara का सूत्र

विधुत धारा(i) =आवेश(q)/समय(t)

यहाँ पर i = धारा , q आवेश तथा t समय है |

विधुत के कितने प्रकार होते है

हम आपको बता दे कि विधुत के इलेक्ट्रिसिटी के माध्यम से दो(2) प्रकार की होती है (1) गतिशील विधुत (2) स्थिर विधुत

(1) गतिशील विधुत :- गतिशील विधुत एक ऐसी विधुत ऊर्जा को कहते है जिसे एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है जबकि एक प्रकार से वाहनों के घुमने से उत्पन्न E.M.F गतिशील विधुत ऊर्जा होती है और गतिशील विधुत की विधुत धारा कहलाती है |

(2) स्थिर विधुत :- स्थिर विधुत ऊर्जा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर नही ले जाया जा सकता है और इसका उत्पादन कम किया जाता है जबकि इस विधुत से सम्बंधित धातुओं में उपस्थित इलेक्ट्रोनों को संयोजी इलेक्ट्रोन कहते है

Vidyut Dhara के प्रकार

विधुत धारा भी दो प्रकार की होती है आल्टरनेटिंग करंट(Alternating Current), डायरेक्ट करंट(Direct Current) होते है

डायरेक्ट करंट(Direct Current) :- यह एक ऐसा करंट होता है जो दिशा तथा समय के साथ अपरिवर्तित रहते है और इसकी धारा एक दिशा की और ही बहती है इस करंट की धारा उत्पन्न बैटरी, सेल,जनेटर इत्यादि में किया जाता है और इस करंट को D.C के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है

आल्टरनेटिंग करंट(Alternating Current) :- यह एक ऐसा करंट होता है जो धारा की दिशा समय के साथ परिवर्तित होती रहती है साथ में धारा चारों और बहती है इस करंट को A.C द्वारा प्रदर्शित किया जाता है

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एम्पीयर की परिभाषा

विधुत एम्पीयर में विधुत आवेश की मात्रा प्रति सेकंड इकाई है जिसमे SI एम्पीयर मूल इकाई है और किसी भी स्थान पर 1 सेकंड में 1 कूलाॅम आवेश प्रवाहित होता है जो Vidyut Dhara एक एम्पीयर होती है

जब q=1C, t=1 sec तो i=1A होता है

विधुत आवेश के प्रवाह को क्या कहते है?

जब विधुत आवेश के कर्ण किसी निश्चित दिशा में गति करने को Vidyut Dhara कहते है जबकि इन विधुत के आवेश से जब कोई ऊर्जा उत्पन्न होती है तो उसे विधुत कहते है |

विधुत आवेश कितने प्रकार का होता है?

देखा जाये तो विधुत आवेश 2 प्रकार का होता है (1) ऋणात्मक आवेश (2) धनात्मक आवेश

धनात्मक आवेश(पोजिटिव) ऋणात्मक आवेश(नेगेटिव)
धनात्मक आवेश में प्रोटोनों की संख्या अधिक होती है ऋणात्मक आवेश में प्रोटोनो की संख्या कम होती है
धनात्मक(पोजिटिव) आवेश में इलेक्ट्रोनों की संख्या कम होती है ऋणात्मक(नेगेटिव) आवेश में इलेक्ट्रोनो की संख्या अधिक होती है
Queryland.in धनात्मक और ऋणात्मक आवेश

1 कूलाम में इलेक्ट्रोनों की संख्या

1 C / I 6.25×1018 इलेक्ट्रोन से बनता है

Query :- सबसे छोटा परमाणु :-सबसे छोटा परमाणु इलेक्ट्रोन पर लगे ऋणात्मक विधुत आवेश को कहते है क्योंकि इनका आकार छोटा होता है |

Query :- दुनिया का सबसे छोटा जानवर कौनसा है?-छोटा जानवर थंबलीना है

Conclusion

में आशा करता हु की आपने इस पोस्ट में विधुत धारा के बारे में काफी कुछ जाना है अगर यह पोस्ट आपको उपयोगी लगी है तो कमेंट करके जरूर बताये

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