श्री सामोद वीर हनुमान जी || रोचक जानकारी

आज हम श्री वीर हनुमान जी सामोद मन्दिर से सम्बंधित जुड़ी रोचक जानकारी देने वाले है इस मन्दिर के प्रति लोगों की 600 वर्षो से आस्था चलती आ रही है|

श्री सामोद वीर हनुमान जी

श्री सामोद वीर हनुमान जी– यह सामोद वीर हनुमान मन्दिर 600 वर्ष पहले स्थापति किया गया है इस मन्दिर के प्रति बहुत से लोगों की मान्यताएं और आस्था है जबकि इस सामोद वीर हनुमान मन्दिर में लोगों की भीड़ अधिकतर मंगलवार और शनिवार को जात्री बहुत सी आस्थाओं के साथ इस मन्दिर में दर्शन के लिए आते है

श्री सामोद वीर हनुमान मन्दिर में मंगलवार और शनिवार के अलावा दर्शानार्थियो की भीड़ पूर्णिमा एवं गुरु पूर्णिमा के दिन इस मन्दिर और भी अधिक रहती है|

श्री सामोद वीर हनुमान मन्दिर दर्शन करने के लिए दर्शनार्थियों को 1100 सीढियाँ चढ़कर दर्शन करना होता है जबकि इन सीढियों में काफी भीड़ के कारण अब मन्दिर में दर्शन के लिए पहाड़ो से एक और रास्ता निकाला गया है जिससे दर्शन भीड़ में आसानी से हो जाते है| श्री वीर हनुमान मन्दिर की मान्यता बहुत है जहाँ दर्शन के लिए लोग सच्ची श्रद्धा के साथ आते है जिसकी मनोकामना बालाजी पूरी करते है|

श्री वीर हनुमान जी सामोद से जुड़े रोचक जानकारी

  • यह मन्दिर 600 वर्ष पहले स्थापित किया गया था|
  • यह मन्दिर जयपुर से 43 किलोमीटर दूर स्थित है|
  • यह वीर हनुमान जी का मन्दिर राजस्थान की धार्मिक स्थलों से एक है|
  • यह वीर हनुमान जी का मन्दिर ग्राम नांगल भरडा, तहसील चोमू में जो की सामोद पर्वत पर स्थित है|
  • यह वीर हनुमान मन्दिर राजस्थान के अलावा पूरे भारत में प्रसिद्ध है|
  • इस मन्दिर में 6 फीट की विशाल प्रतिमा हनुमान जी की स्थापित है|

श्री वीर हनुमान सामोद मन्दिर पर पहाड़ बहुत दूरी या कुछ किलोमीटर तक फैला हुआ है| जहाँ पर बहुत से पेड़ पौधे है और जानवर भी पाए जाते है| वीर हनुमान जी मन्दिर के कुण्ड की सीढियों के पास शिव शम्भू शंकर भगवान का मन्दिर भी स्थापित है आने जाने वाले लोग इस शंकर भगवान के मन्दिर में भी दर्शन कर के जाते है|

इस वीर हनुमान मन्दिर में दर्शन के आते और जाते दोनों तरफ की सीढियों की और दुकाने है जहाँ प्रसाद और लोगों के खाने के लिए कचोरी और समोसे और गर्मियों के समय में ठण्ड जैसी चीजे कोल्ड ड्रिंक आदि दुकानदार वहाँ पर बेचते है|

श्री वीर हनुमान जी मन्दिर के पहाड़ों में बालाजी के रूप जैसे जानवर पाये जाते है जिन्हें बंदर कहते है जबकि वीर हनुमान मन्दिर में दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों उन बंदरो के खाने के लिए बहुत से फल तथा सब्जियाँ आदि लेकर आते है|

श्री वीर हनुमान जी मन्दिर के लगभग 1 किलोमीटर दूर पहाड़ो में पंच मुखी का मन्दिर स्थित है बहुत से लोग पहाड़ो में स्थित उस मन्दिर के दर्शन के लिए भी जाते है| जबकि पंच मुखी के मन्दिर के पास बड का पेड़ है जहाँ पर अधिकतर बंदर रहते है कई बार वह दर्शनार्थियों के प्रसाद को खाने के लिए छीन लेते है|

वीर हनुमान मन्दिर में दर्शनार्थि कई बार फोटो के लिए पहाड़ो पर जाते है और लोग पहाड़ो के अलग -अलग स्थानों पर जाकर फोटो खिंचाते है|

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