दोस्तों आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानने वाले है कि दिन रात कैसे बनते है?, दिन के पीछे रात और रात के पीछे दिन, दिन-रात छोटे-बड़े क्यों होते है? तथा दिन और रात कैसे होता है आदि के बारे में जानिंगे|
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दिन रात कैसे बनते है?
दिन रात कैसे बनते है? दोस्तों हमारी पृथ्वी एक ऐसा खगोलीय गोला है, जिसमे अपना प्रकाश नही है| इस गोले का जो आधा भाग सूर्य के सामने होता है, उस पर सूर्य का प्रकाश पड़ रहा होता है| शेष आधा भाग, जो पिछली ओर को है, प्रकाशहीन होता है| प्रकाशित भाग में उस समय दिन होता है और प्रकाशहीन भाग में रात होती है|
दिन और रात कैसे होता है?
दोस्तों दिन और रात होने का कारण यह है कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है जब सूर्य की किरन पृथ्वी के किसी दूसरे क्षेत्र में पडती है उस समय वहाँ दिन होता है जब सूर्य की किरन उस क्षेत्र में नही पडती है तब रात होती है तथा पृथ्वी सूर्य के चारों और चक्कर लगती है तब दिन और रात होती है|
दिन ए पीछे रात और रात के पीछे दिन कैसे होता है?
पृथ्वी लट्टू की भांति अपने अक्ष या धुरी पर घुमती है| इसे हम पृथ्वी का परिभ्रमण कहते है| पृथ्वी को एक बार परिभ्रमण करने में लगभग 24 घण्टे का समय लगता है| इसमें लगभग आधा समय तो पृथ्वी के धरातल पर का कोई भी भाग सूर्य के सामने से गुजरता है तो शेष आधा समय पिछली ओर को होकर, अर्थात् अंधेरे में से|
इस प्रकार परिभ्रमण के एक चक्र में लगभग आधे समय के लिए दिन होता है और आधे समय के लिए रात| तब दूसरा चक्र आरम्भ हो जाता है और इस प्रकार रात के पश्चात दिन और दिन के पश्चात् रात होती रहती है|
24 घण्टे के इस ‘एक दिन-रात’ को साधारण बोल-चल में एक दिन कहते है|
दिन रात छोटे-बड़े क्यों होते है?
यदि पृथ्वी का अक्ष पृथ्वी के कक्ष(भ्रमण मार्ग) पर लम्बवत होता, जैसा कि आकृति से स्पष्ट है, पृथ्वी पर के प्रत्येक स्थान पर दिन-रात बराबर होते है परन्तु ऐसा नही है| पृथ्वी का अक्ष कक्ष के साथ 66.5%का कोण बनाए रहता है और वार्षिक परिक्रमण में यह झुकाव इस प्रकार रहता है:-
21 जून को उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर सबसे अधिक झुका होता है, और 22 दिसम्बर को दक्षिणी ध्रुव सूर्य ओर सबसे अधिक झुका रहता है| 21 मार्च को और 23 सितम्बर को उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों का सूर्य के प्रति झुकाव एक समान होता है| जैसा कि सामने आकृति से स्पष्ट है, इसका परिणाम यह होता है कि जून में उत्तरी गोलार्ध में दिन बड़े और राते छोटी होती है और दक्षिणी गोलार्ध में दिन छोटे और राते बड़ी होती है|
दिसम्बर में इसके ठीक विपरीत होता है, अर्थात् उत्तरी गोलार्ध में दिन छोटे और राते बड़ी तथा दक्षिणी गोलार्ध में दिन बड़े और राते छोटी होती है|
मार्च और सितम्बर में पृथ्वी के सभी भागों में दिन-रात बराबर लम्बाई(12-12 घण्टे) होते है| ध्रुवों पर छ: मास का दिन और छ: मास की रात होती है| उत्तरी ध्रुव 21 मार्च से 23 सितम्बर तक लगातार सूर्य के सामने रहता है और दक्षिणी ध्रुव 23 सितम्बर से 21 मार्च तक होता है| विषुवत वृत्त पर दिन-रात वर्ष भर समान होते है और मौसम भी वर्ष भर एक जैसा रहता है|
दिन कब से बढ़ेगा?
दिन कब से बढ़ेगा? जब उत्तरी गोलार्ध में दिन बड़े और राते छोटी होती है और दक्षिणी गोलार्ध में दिन छोटे और राते बड़ी होती है| इस तरह दिन और रात बढ़ते और घटते रहते है|
दिन और रात बराबर कब होते है?
मार्च और सितम्बर में पृथ्वी के सभी भागों में दिन-रात बराबर लम्बाई(12-12 घण्टे) होते है| ध्रुवों पर छ: मास का दिन और छ: मास की रात होती है| उत्तरी ध्रुव 21 मार्च से 23 सितम्बर तक लगातार सूर्य के सामने रहता है और दक्षिणी ध्रुव 23 सितम्बर से 21 मार्च तक होता है|
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