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प्रमुख सम्प्रदाय
(1) नाथ सम्प्रदाय :-
- मुख्य पीठ जोधपुर में है
- यह राजस्थान के प्रमुख सम्प्रदाय की श्रेणी में ही आते है
- अन्य नाम -सिद्धमार्ग ,योग मार्ग ,अवधूत सम्प्रदाय
- जोधपुर मे नाथ सम्प्रदाय के महामंदीर का निर्माण मानसिंह राठोड ने करवाया था
- माननाथी सम्प्रदाय की पीठ जोधपुर है जबकि बेरागी सम्प्रदाय की पीठ राताडून्गा(पुष्कर अजमेर )में है
- मानसिंह ने आयस देव नाथ को अपना गुरु बनाया था
- भारत में नाथ सम्प्रदाय की स्थापना मत्स्येन्द्र नाथ ने की
(2) शेव सम्प्रदाय :-
- मुख्य पीठ -उदयपुर में है
- शेव धर्म को मानने वाली अंतिम रियासत जोधपुर है
- शेव सम्प्रदाय राजस्थान के प्रमुख सम्प्रदाय की श्रेणी में आते है
शेव सम्प्रदाय चार भागों में बाँटा गया है
(1) पशुपात
- पशुपात सम्प्रदाय सबसे प्राचीन है
- पशुपात संप्रदाय की स्थापना दन्दाधारी लकुलीश ने की
- इस सम्प्रदाय के लोग दिन में कई बार स्नान करते हैं
(2) कापलिक -यह भेरव को शिव का अवतार मानते है
(3) लिंगायत– इसे वीर शेव सम्प्रदाय भी कहते है
(4) काश्मिरक सम्प्रदाय
(3) निम्बार्क सम्प्रदाय :-
- अन्यनाम नाम -हंस,सनकादी ,परशुरामजी ,निमावत
- (मारवाड ) में सम्प्रदाय
- निम्बार्क सम्प्रदाय की स्थापना निम्बाकाचार्य (बच्चपन का नाम भास्कर )ने की
- निम्बाकाचार्य ने देतादेत या भेदाभेद दर्शन प्रतिपादन किया
- राजस्थान में निम्बार्क सम्प्रदाय पीठ की स्थापना परशुराम जी (जन्म ठीकरिया सीकर )ने की थी
- यहाँ पर कृषण व राधा की युगल रूप में पूजा की जाती है
- प्रमुख -पीठ सलेमाबाद (अजमेर )
- निम्बार्क सम्प्रदाय राजस्थान के प्रमुख सम्प्रदाय में आते है
- रूपनगड़ नदी के किनारे है (भारत में मुख्य पीठ वृदावन उतरप्रदेश )
(4) गोड़िया सम्प्रदाय :-
- इस सम्प्रदाय की स्थापना माध्वाचार्य ने की
- माध्वाचार्य ने द्वैतवाद मत दिया
- गोड़िया सम्प्रदाय भी राजस्थान के प्रमुख सम्प्रदाय में ही आते है
- राजस्थान में मुख्य पीठ गोविन्ददेव जी मंदीर (जयपुर )में है
- अन्य पीठ -मदन मोहन (करोली)
(5) वल्लभ सम्प्रदाय :-
- इसे पुष्टि सम्प्रदाय भी कहते है
- स्थपना -वल्लभाचार्य ने
- वल्लभाचार्य ने शुध्दादेता दर्शन का प्रतिपादन किया
- वल्लभाचार्य की 84 बेठको में से राजस्थान में सिर्फ एक बैठक अजमेर में हुई
- मुख्य पीठ – नाथद्वारा (राजसमन्द)
- किशनगड का शासक सावंत सिंह (नागरीदास )इसी सम्प्रदाय को मानता था
- वल्लभ सम्प्रदाय की भारत में 7 पीठ है जिस में 5 राजस्थान में है
- यह पीठे दो भरतपुर ,दो राजसमन्द व एक कोटा में है
- वल्लभ सम्प्रदाय का मूल मंत्र श्री कृषण शरणम् ग़म: है
- वल्लभ सम्प्रदाय के मंदिरो में दिन में आठ बार पूजा होती है
(6) रामानुज सम्प्रदाय :-
- स्थापना -रामानुजाचार्य ने की
- इसने विशीष्ट विषय का प्रतिपादन किया
- प्रमुख पीठ -गलता (जयपुर)
- गलता पीठ की स्थापना कृषण दास पयहारी ने की थी
- सीकर में पीठ की स्थापना अग्रदास जी ने की थी
- गलता को मंकी वेली ,उतर का तोतादरी व काशी भी कहते है
(7) रामानन्दी सम्प्रदाय :-
- सस्थापक -रामानंदजी
- मुख्य पीठ -गलता (जयपुर)
- पीठ की स्थापना कृषण दास पयहारी ने की थी
- रामानुज व रामानंदी सम्प्रदाय के मध्य गलत पीठ को लेकर विवाद है
- रामानंदी सम्प्रदाय को सवाई जयसिंह ने आश्रय दिया तथा राम्ररासा की रचना करवाई
विशेस तथ्य
निर्गुण उपासक :-
जाम्भो जी, जसनाथ जी, दादूदयाल जी, रामचरण जी, रज्जब जी, संत दरियाव जी, हरिरामदास जी, हरिदास जी, राम दास जी, धन्ना जी, रेदास जी, लाल दास जी, गुरुनानक
सर्गुण उपासक :-
शेव सम्प्रदाय, नाथ सम्प्रदाय, रामानुज सम्प्रदाय, रामानंदी सम्प्रदाय, निम्बार्क सम्प्रदाय, वल्लभ सम्प्रदाय, गोड़िया सम्प्रदाय, मीरा बाई, गवरी बाई, भक्त कवी दुर्लभ जी
सगुर्ण व निर्गुण उपासक :-
- संत माव जी ,चरण दास जी ,दया बाई व सहजो बाई
- रसिक सम्प्रदाय के प्रवर्तक अग्रदास जी है
- मुलकनाथ का सम्बन्ध गरिबदासी पंथ से है
राजस्थान के प्रमुख सम्प्रदाय से सम्बंधित प्रश्न
राजस्थान में रामानंदी सम्प्रदाय का आरम्भ किसने किया—-कृष्णदासजी पयहारी
श्रीनाथजी की प्रतिमा किस मुगल शासक के काल में राजस्थान लाई गई —-ओरंगजेब
संसार का सबसे प्राचीनतम धर्म —-सनातम धर्म
परशुराम सागर किस सम्प्रदाय से संबंधित ग्रन्थ —-निम्बार्क सम्प्रदाय
अल्लाउद्दीन की मस्जिद कहाँ पर बनाई गयी —-जालौर
Conclusion
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यहाँ भी :- पादप रोग विज्ञान, पादप प्रजजन
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