दोस्तों आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम पृथ्वी की बनावट तथा पृथ्वी की संरचना आदि पूरी जानकारी पढ़ेंगे|
Table of Contents
- पृथ्वी की संरचना
- चट्टान किसे कहते है?
- चट्टान के प्रकार
- पर्वतों का वर्गीकरण
- पृथ्वी की परते कौन कौन-सी है?
- पृथ्वी का कितना भाग जल से ढका हुआ है?
- पृथ्वी की सबसे पतली परत कौन सी है?
पृथ्वी की संरचना
- पृथ्वी का आंतरिक भाग अति गरम है|
- पृथ्वी का ऊपरी भाग ठोस पपड़ी के रूप में है|
- इसका धरातल ऊँचा-नीचा है|
- बड़े-बड़े गर्तो में पानी भरा है| जिन्हें हम समुन्द्र कहते है|
- पानी भरे हुए भाग को जल मण्डल भी कहते है|
- शेष सूखा भाग ‘स्थलमण्डल’ कहलाता है|
- जलमण्डल और स्थलमण्डल को चारों ओर से वायुमंडल घेरे हुए है, और उसके बाहर ‘आकाश या ‘अंतरिक्ष’ है जो अनन्त है|
चट्टान किसे कहते है?
भूगोल की भाषा में ‘चट्टान’ या ‘शैल’ केवल पत्थर को ही नही, बालू, मिट्टी, कीचड़, कंकड़, कोयला, धातु आदि उन सभी पदार्थो को कहते है| जिनसे भूपटल या पृथ्वी की पपड़ी की रचना हुई है|
चट्टान के प्रकार
प्रमुख रूप से चट्टाने या शैल तीन प्रकार के होते है|
1. आग्नेय चट्टान (आग्नेय शैल किसे कहते है?)
यह चट्टान पृथ्वी के भीतर से निकले हुए लावा जैसे पदार्थ के ठंडा होकर जम जाने से बनती है| इसमें खनिज पदार्थो के कण एक दूसरे से मिले रहते है| जैसे ग्रेनाइट, बेसाल्ट पत्थर, बिल्लौर आदि इसके उदाहरण है|
2. जलीय या पर्तदार शैल (पर्तदार शैल किसे कहते है?)
ये पानी और पवन के कार्य से बनी चट्टाने, पत्ती या तहों के रूप में मिलती है| मिट्टी, खड़िया, बालू, पत्थर, चूने का पत्थर आदि इनके उदाहरण है| आग्नेय शैल को वर्षा और नदियों का पानी तोड़-फोड़ कर एवं बारीक करके अपने साथ ले जाकर समुन्द्रो और झीलों के पेटे पर एकत्रित कर देता है और यह पदार्थ ‘तलछट की चट्टान’ के रूप में जमा हो जाता है|
3. रूपान्तरित या परिवर्तित शैल (रूपान्तरित चट्टान के उदाहरण)
गर्मी और दाब के कारण आग्नेय और पर्तदार शैल परिवर्तित होते रहते है और तब देखने में नये जान पड़ते है इन्हें ही परिवर्तित शैल कहते है| कोयला ग्रेफाइट में बदल जाता है|
चिकनी मिट्टी स्लेट पत्थर में बदल जाती है, चूने से संगमरमर बन जाता है| इन्हीं सबको कायांतरित शैल के अंतर्गत लेते है|
समुद्र के जन्तुओं के अस्थि-पिंजर समय पाकर खड़िया और चूने के पत्थर में परिवर्तित हो जाते है|इन्हें ‘कार्बनी चट्टाने’ भी कहते है|
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पर्वतों का वर्गीकरण
दोस्तों प्रमुख रूप से पर्वतों का वर्गीकरण 3 प्रकार से किया गया है|
1. वलित पर्वत या मोड़दार पर्वत
इसका निर्माण तलहटी शैलों के वलित स्तरों से होता है, जब इन स्तरों पर दोनों तरफ से दबाव पड़ता है तो इनमें मोड़ पड़ने लगते है| हिमालय की पर्वत श्रेणियाँ इसी तरह बनी है|
2. भ्रंशोत्थ पर्वत या तोदे के पहाड़ (भ्रंशोत्थ पर्वत क्या है?)
पृथ्वी की भीतरी हलचल के कारण पपड़ी में पड़ी किन्ही दो समान्तर दरारों के बीच का भाग ऊपर उठ जाने से पहाड़ बन जाता है| यदि दो समान्तर दरारों के बीच का भाग नीचे धँस जाये तो उससे दरार-घाटी बन जाती है|
3. ज्वालामुखी पर्वत (ज्वालामुखी पर्वत क्या है?)
कई बार पृथ्वी की पपड़ी के नीचे का गरम लावा और ऊपर से रिस कर आये हुए पानी की भाप आवरण को फोड़ कर बड़े वेग से बाहर फूट निकलती है| यह लावा छिद्र के इर्द-गिर्द एकत्रित होता रहता है, और कुछ समय में शंकु के आकार का पहाड़ बन जाता है| इसके मुँह से गरम लावा और धुआँ आदि निकलता रहता है, इसीलिए इसे ज्वालामुखी पर्वत कहते है|
पृथ्वी की परते कौन कौन-सी है?
पृथ्वी की परते – क्रस्ट, मेंटल, और कोर है|
पृथ्वी का कितना भाग जल से ढका हुआ है?
दोस्तों आप जानते होंगे की पृथ्वी पर सबसे अधिक जल है जबकि पृथ्वी का 71% भाग पानी से ढका हुआ है|
पृथ्वी की सबसे पतली परत कौन सी है?
पृथ्वी की सबसे पतली परत भूपर्पटी है
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