दोस्तों आज इस आर्टिकल के माध्यम से Surya Grahan And Chandra Grahan से सम्बंधित जानकारी जानेंगे|
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan And Chandra Grahan)
सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होता है परन्तु हर एक अमावस्या को नहीं होता है इसका कारण वही है कि पृथ्वी तथा चन्द्रमा के कक्षतलों में लगभग 5 डिग्री का झुकाव है| सूर्य ग्रहण तभी होता है जब अमावस्या को चन्द्रमा पृथ्वी के कक्षतल में आ जाता है ऐसा कभी-कभी ही होता है|
सूर्य ग्रहण के समय चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है इस कारण सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के कुछ भाग पर नही पहुँच पाता है| दूसरे शब्दों में यह सकते है कि चन्द्रमा के बीच में aa जाने के कारण चन्द्रमा की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है और जहाँ-जहाँ परछाई पडती है वहाँ से सूर्य दिखाई नही देता है|
जब सूर्य का आंशिक भाग नहीं दिखाई देता तो उसे खण्ड-सूर्य ग्रहण कहते है जब चन्द्रमा सूर्य को पूरा ढक लेता है तो पूर्ण-सूर्यग्रहण होता है|
चन्द्र ग्रहण (Surya Grahan And Chandra Grahan)
जब पृथ्वी, चाँद और सूर्य के बीच में ठीक सीध में aa जाये तो पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पडती है और उस पर अंधेरा छा जाता है, इसे चन्द्रग्रहण कहते है| चंद्रग्रहण सदा पूर्णिमा को होता है परन्तु हर पूर्णिमा को नही होता है इसका कारण यह है कि पृथ्वी तथा चन्द्रमा के कक्षतलों में लगभग 5 डिग्री का परस्पर झुकाव है|
चंद्रग्रहण उसी पूर्णिमा को होता है जब चन्द्रमा पृथ्वी के कक्षतल में होता है ऐसा कभी-कभी ही होता है जब चन्द्रमा का केवल कुछ भाग पृथ्वी की परछाई में आता है तो उसे खण्ड-ग्रहण कहते है जब चन्द्रमा का पूरा प्रकाशित भाग पृथ्वी की परछाई में आ जाता है तो इसे पूर्ण-चंद्रग्रहण कहते है|
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