भौतिक विज्ञान के प्रश्नों से सम्बंधित प्रश्नोतरी – 02
ये सभी प्रश्न आपको प्रतियोगी परीक्षाओ में बहुत उपयोगी रहेंगे | हमारा यही प्रयास है की आपके लिए बेहतर प्रश्नों की Quiz दे सके |
Physics Question Quiz
विमा क्या है
वह मात्रक को संक्षिप्त रूप में व्यक्त करती है इसमें संकेताक्षरों M, L, T के प्रयोग से मात्रको को जाना जाता है
जहाँ M=मात्रा, L=लम्बाई, T=समय
अदिश राशियाँ
कुछ भौतिक राशियों जैसे द्रव्यमान, चाल, आयतन आदि को निरुपित करने के लिए केवल इनके परिमाण की आवश्यकता होती है |
इसके निरूपण में दिशा की कोई आवश्यकता होती है |
सदिश राशियाँ
कुछ भौतिक राशियों को निरुपित के लिए परिमाण के साथ-साथ दिशा की भी आवश्यकता होती है इन्हें सदिश राशियाँ कहते है उदाहरण :- वेग, विस्थापन, बल, त्वरण आदि |
तरंग गति एवं ध्वनी
तरंग गति :-
तरंग गति एक ऐसी प्रक्रिया अथवा विक्षोभ है, जिसमें भाग लेने वाला प्रत्येक कण अपने परवर्ती कण के दोलन की स्थिति में थोड़ी देर बाद आता है और इस प्रकार तरंग गति को अगले कण को हस्तांतरित करता है जिससे विक्षोभ एक निश्चित चाल से गतिमान होता है |
श्रृंग :-
तरंग गति का उठा हुआ भाग |
गर्त्त :-
तरंग गति का दबा हुआ भाग |
आयाम :-
कण का अपनी माध्य स्थिति से अधिकतम विचलन |
तरंग दैर्ध्य :-
दो ऐसे क्रमिक कणों, जो किसी भी समय बिल्कुल एक ही तरह विस्थापित रहते है, के बीच की दूरी को तरंग-दैर्ध्य कहते है इसका SI मात्रक मीटर है |
आवर्तकाल :-
एक पूर्ण दोलन अथार्त एक तरंग के निर्माण में लगे समय को आवर्तकाल कहते है और इसका मात्रक सेकेंड है |
आवृत्ति :-
एक सेकेंड में किए गए पूर्ण दोलनों की संख्या को तरंग की आवृत्ति कहते है इसका SI मात्रक हट्र्ज होता है
अनुप्रस्थ तरंग :-
अनुप्रस्थ तरंग गति में माध्यम के कण अपनी माध्य स्थिति पर ऊपर-नीचे तरंग गति की दिशा के लंबवत दोलन करते है | पानी की सतह पर उत्पन्न तरंग, प्रकाश तरंग आदि अनुप्रस्थ तरंग के उदाहरण है |
अनुदैर्ध्य तरंग :-
इस गति में माध्यम के कण माध्य स्थिति पर आगे-पीछे तरंग गति की दिशा में कम्पन्न करते है, जैसे-ध्वनि तरंगे |
अनुदैर्ध्य तरंगो के निर्माण के लिए माध्यम की प्रत्यास्थता आवश्यक है ये तरंगे ठोस, द्रव तथा गैस तीनों माध्यम में उत्पन्न की जा सकती है |
पराबैंगनी तरंगे :-
पराबैंगनी विकिरण की खोज रिटर ने की थी ये तरंगे सूर्य के प्रकाश वैधुत, विसर्जन, निर्वात स्पार्क आदि से उत्पन्न होती है |
दृश्य विकिरण :-
इसकी खोज न्यूटन ने की थी दृश्य विकिरण में परावर्तन, अपवर्तन, व्यतिकरण, विवर्तन, ध्रुवण, दृष्टि संवेदन आदि गुण पाये जाते है ये विकिरण ताप दीप्ति वस्तुओं से उत्पन्न होती है विकिरण के स्रोत सूर्य, तारे, ज्वाला, विधुत बल्ब, आर्क लैम्प आदि है |
विधुत चुम्बकीय तरंगे :-
यांत्रिक तरंगों के संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है, लेकिन यांत्रिक तरंगों के अतिरिक्त कुछ तरंगे ऐसी भी है जिनके संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नही होती तथा वे तरंगे विर्वात में भी संचरित हो सकती है इन्हें विधुत चुम्बकीय तरंगे कहते है |
गामा किरणें :-
गामा किरणें अत्यन्त लघु तरंगदैर्ध्य की विधुत चुम्बकीय तरंगे होती है इनका तरंग-दैर्ध्य परिसर 10-14 मीटर से लेकर 10-10 मीटर तक होता है तरंग-दैर्ध्य बहुत कम होने के कारण इन किरणों में अत्यधिक ऊर्जा होती है, जिससे ये लोहे की चादरों को पार कर जाती है |
एक्स किरणें :-
X- किरणों की खोज रोन्टजन ने की थी इनका तरंग-दैर्ध्य 10-10 मीटर से लेकर 10-8 मीटर तक होता है इन किरणों का चिकित्सा एवं औधोगिक क्षेत्र में बहुत प्रयोग होता है |
अवरक्त किरणें :-
इन किरणों की खोज विलियम हरशैल ने की थी ये तरंगे पदार्थो को उच्च ताप पर गर्म करने पर निकलती है इन किरणों की वेधन शक्ति अधिक होने के कारण ये घने कोहरे एवं घुन्ध से पार निकल जाती है युद्धकाल में इन किरणों का उपयोग दूर-दूर तक सिग्नल भेजने में किया जाता है |
लघु रेडियो तरंगे :-
इन तरंगे की खोज विलियम हट्र्ज ने की थी | इनका उपयोग टेलीविजन, टेलीफोन आदि के प्रसारण में किया जाता है |
वायरलेस या दीर्घ रेडियो तरंगे :-
इन तरंगों की खोज मार्कोनी ने 1896 ई.में की थी |
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