मलेरिया टेस्ट पर लेख -Article on maleriya test in hindi
मलेरिया एक जीवाणु संक्रमण है जो विषमूल्य के द्वारा फैलता है और मुख्य रूप से त्रिपोनोसोमा प्लास्मोडियम (Plasmodium) के कारण होता है |यह एक खतरनाक बीमारी है जो कि दुनिया भर में करीब 10 लाख लोगों की मौत का कारण बनती है, खासकर गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए|
मलेरिया टेस्ट के विभिन्न प्रकार-Different 3 Types of Malaria Test
मलेरिया का पता लगाने के लिए विभिन्न प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं, जो रोगी के रक्त में प्लास्मोडियम की उपस्थिति को पहचानने में मदद करते हैं| इनमें से कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट निम्नलिखित हैं|
1. रक्त परीक्षण(blood test):-
इस टेस्ट में, रोगी के रक्त का सैंपल लिया जाता है और माइक्रोस्कोप के माध्यम से प्लास्मोडियम की उपस्थिति की जांच की जाती है| यह टेस्ट सबसे प्रमुख मलेरिया टेस्ट है और विश्वसनीय नतीजे प्रदान करता है|
2. रपटी परीक्षण(slide test):-
यह टेस्ट मुख्य रूप से रक्त के खून को जांचने के लिए किया जाता है, लेकिन यह अधिकांश रोगों के लिए होता है और मलेरिया के लिए अधिक पुष्टिकर है|
3. रापिड डायग्नोस्टिक टेस्ट(rapid diagnostic test):-
यह टेस्ट रोगी के रक्त या उरीन के सैंपल पर आधारित होता है| इस टेस्ट का परिणाम कुछ मिनटों में मिल जाता है और इसे साधारणतः बाहरी परीक्षण में उपयोग किया जाता है|
मलेरिया के संक्रमण के संकेत(Signs of malaria infection)
मलेरिया के संक्रमण के संकेत में बुखार, थकान, शीघ्र पसीना आना, सिरदर्द, शीघ्र दवाओं की संवेदनशीलता, उल्टी, पेट दर्द, और शीघ्र तालना शामिल हो सकते हैं| यदि आपको इन संकेतों का अनुभव होता है, तो आपको तत्काल मेडिकल परामर्श की आवश्यकता होती है|
मलेरिया का सही और समय पर डायग्नोसिस जीवन को बचाने में मदद कर सकता है| इसलिए, यदि आपको मलेरिया के संकेत महसूस होते हैं, तो एक मेडिकल पेशेवर की सलाह लेना और उपयुक्त टेस्ट करवाना महत्वपूर्ण है|
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मलेरिया के लक्षण-(symptoms of malaria)
- मलेरीया रोग के कारण मरीज को चक्कर आना शुरू हो जाते है|
- उल्टी आना भी मलेरिया रोग का कारण है|
- सिर दर्द जैसी समस्याओं में भी|
- ठंड लगना जैसी समस्या |
- थकान आना / मन का मचलना
- बुखार आना |
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