इस लेख के माध्यम से हम आपको चौमूँ किले का इतिहास एवं चौमूँ किले से जुड़ी बहुत सी रोचक जानकारी बताएँगे जिसे पढने के बाद आप भी इस चौमूँ किले में घुमने का मन जरुर करेंगा| साथ ही चोमू किले से जुड़े सभी रोचक तथ्य भी आप जान पायेंगे
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चौमूँ किले का इतिहास
चौमूँ किले का इतिहास – दोस्तों चौमूँ किले का इतिहास बहुत पुराना है| चौमूँ का किला भारत देश के राजस्थान राज्य के जयपुर जिले के चौमूँ शहर में स्थित है| चौमूँ का किला प्रसिद्ध किला है| इस चौमूँ किले का निर्माण जयपुर से लगभग 133 वर्ष पहले हो चुका था, जबकि चौमूँ का निर्माण एवं इतिहास जयपुर से भी पुराना बताया जाता है| यह चौमूँ का किला प्रसिद्ध राजस्थान के साथ पूरे देश में प्रसिद्ध है|
chomu ka durg और किले की मरमत करवाने में योगदान रघुनाथ जी महाराज ने दिया था जबकि राजा कृष्ण ने भी चोमू के किले का दोबारा निर्माण करवाकर चौमूँ के इतिहास में अपना योगदान दिया था|
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चौमूँ का इतिहास एवं चौमूँ किले का निर्माण
हम चौमूँ के इतिहास और चौमूँ किले का निर्माण की बात करे तो चौमूँ का इतिहास जयपुर के इतिहास से पुराना है| जबकि इस चौमूँ किले का निर्माण जयपुर के इतिहास से लगभग 133 वर्ष पहले हो चुका था| और चौमूँ एक छोटा सा शहर है यह चौमूँ राजस्थान राज्य के जयपुर जिले में स्थित है| जबकि भारत देश में चौमूँ शहर एवं चौमूँ के किले को लेकर देश में अपनी अलग पहचान बना रखी है|
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चौमूँ किले से जुड़ी रोचक जानकारी
चौमूँ का किला राजस्थान राज्य के अलावा पूरे देश में प्रसिद्ध है, जबकि इस किले का बॉलीवुड से भी बहुत बड़ा सम्बंध है| इस किले के अंदर देखने लाइक बहुत चीजे है जिनको देखने के लिए बहुत से लोग दूर से आते है|
- इस किले के निर्माण में ढूंढार शैली का प्रयोग किया गया था|
- इस चौमूँ किले के इतिहास में शिल्प कला मन्दिरों और दुर्गो के निर्माण में सबसे ज्यादा प्रयोग में लाई गयी थी|
- इस चौमूँ किले की कला राजस्थान के दुर्गो और मन्दिरों में सबसे ज्यादा उपयोग में लाई गयी थी|
चौमूँ एवं चौमूँ किले से सम्बंधित जानकारी
- चौमूँ का किला राजस्थान राज्य के जयपुर जिले से 33 किलोमीटर दूर है|
- चौमूँ को कई सालों पहले चौमुंहागढ़ या चौमुंहा के नाम से पुकारा जाता था|
- चौमूँ की स्थापना सन् 1595 में हुई थी|
- जयपुर की स्थापना सन् 1728 में हुई थी|
चौमूँ किले के आस -पास के मन्दिर
चौमूँ किले के पास सबसे बड़ा मंदिर गढ़ गणेश मंदिर है जो कि यह मंदिर चौमूँ किले से 20-30 मीटर की दूरी पर स्थित है| इस मंदिर में बहुत से लोग गजानंद गणेश जी महाराज की पूजा करने के लिए आते है हर बुधवार को इस मंदिर में ऐसा लगता है किसे जिसे मेले का आयोजन हो रहा है|
इस चौमूँ किले के सामने एक सीतारामजी का मन्दिर भी जो देखने में बहुत ही अद्भूत है
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चौमूँ किले के अंदर स्थित आलीशान महल
इस चौमूँ किले के अंदर देवी निवास, मोती महल, रतन निवास, कृष्ण निवास, शीश महल आदि आलीशान देखने योग्य महल बने हुए है|
इस किले के अंदर बड़ी लोग जैसे बहुत से प्रोग्राम करते है इस किले के अंदर घुमने के टिकट 500 रूपये प्रति व्यक्ति है| जबकि बड़े लोग लाखों रूपये लगाकर इस में बहुत से प्रोग्रामों का आयोजन करते है इस किले में बहुत सी मूवियो और सोंगो की सूटिंग भी लाखों रूपये में होती है| जिससे भी यह किला काफी प्रसिद्ध किला माना जाता है| इस किले के अंदर बहुत से सिविल कुण्ड है जो कि घुमने वाले व्यक्तियों के बहुत आनन्द लायक होते है जिसमे गर्मियों के समय में इन्जयोय करने में बहुत आनन्द आता है|
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