फ्यूज क्या है:- फ्यूज एक धातु का पतला तार होता है जो टिन+लैड (sn+pb) का बना होता है फ्यूज तार एक प्रकार का सुरक्षात्मक उपकरण है जो circuit के series में संयोजित करने पर short circuit, overloading की condition में circuit को ब्रेक करता है।
Table of Contents
- फ्यूज की परिभाषा (Definition of fuse)
- सर्किट में फ्यूज लगाने के फायदे
- फ्यूज तार किससे बनता है ? (Fuse Element Materials)
- फ्यूज के प्रकार (Types of fuse)
- उच्च वोल्टेज सिस्टम के लिए उपयोग में आने वाले फ्यूज निम्न प्रकार है।
- Conclusion
फ्यूज की परिभाषा (Definition of fuse)
फ्यूज एक मिश्र धातु का बना छोटा-सा टुकड़ा होता है जो सर्किट के श्रेणी क्रम में जुड़ा होता है यदि सर्किट में एक निश्चित मान से ज्यादा करंट जाता है तो तब fuse पिघल कर सर्किट को break कर देता है, fuse कहलाता है।
या
फ्यूज तार को उच्च वैद्युत धारा के विरुद्ध केबिलों तथा उपकरणों की रक्षा के लिये वैद्युत परिपथ के श्रेणी क्रम में संयोजित किया जाता है |
सर्किट में फ्यूज लगाने के फायदे
- यह भारी शोर्ट सर्किट की स्थिति में बिना आवाज किये सर्किट को break करता है। 2. फ्यूज तार अधिक विद्युत धारा होने पर सर्किट को automatic ब्रेक करता है।
फ्यूज तार किससे बनता है ? (Fuse Element Materials)
फ्यूज तार का गलनांक व प्रतिरोध कम होता है | यह तार मिश्र धातु का बना होता है जिसमे टिन+लैड (Sn+Pb) का उपयोग किया जाता है|
फ्यूज के प्रकार (Types of fuse)
वोल्टता के अनुसार
1.निम्न वोल्टता फ्यूज (Low voltage fuse)
(a) पुनर्तारीय प्ररूपी फ्यूज (Semi-enclosed rewirable fuse)
(b) उच्च विदारण क्षमता वाले कारतूसी अथवा H.R.C. फ्यूज (High rupturing capacity type (H.R.C.) fuse cartridge
2. उच्च वोल्टता फ्यूज (High voltage fuse)
निम्न वोल्टता फ्यूज (Low voltage fuse)
पुनर्तारीय प्ररूपी फ्यूज (Semi-enclosed rewirable fuse) :- इन्हें Kitkat type fuse के नाम से जाना जाता है। इनमे धातु के तार का fuse element उपयोग में लिया जाता है जिसे पिघले पर replace किया जा सकता है।
इनमें fuse element प्राय: टिन लेपित ताम्र तार का होता है जिसे fuse carrier (फ्यूज वाहक) में दो सम्पर्क सिरा स्क्रूओं के बीच कस दिया जाता है। उसके पश्यात फ्यूज कैरियर को fuse board पर स्थापित फ्यूज आधार में लगा दिया जाता है।
पुनर्तारीय प्ररूपी फ्यूज लाभ (Advantages)
इसे सावधानीपूर्वक स्विच ऑन की स्थिति में ही निकाला जा सकता है तथा लगाया जा सकता है।Fuse element को बदलने में बहुत कम लागत आती है
ये कीमत में अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं। इनकी संरचना बहुत ही सादारण होती है। पिघले हुए फ्यूज का स्थानान्तरण करने के बाद पुन: इसे काम में लाया जा सकता है।
पुनर्तारीय प्ररूपी फ्यूज हानियाँ (Disadvantages)
(i) इनकी breaking capacity कम होती है। अत: इनका प्रयोग high fault की स्थिति में नहीं किया जा सकता है।
उच्च विदारक क्षमता वाले कारतूसी अथवा H.R.C. फ्यूज(High rupturing capacity type (H.R.C.) fuse cartridge)
इन फ्यूज की विदारक क्षमता 66 kV से 500 MVA तक होती है। जिसके कारण इन्हें कारतसी प्रारूपी उच्च विदारक क्षमता वाले फ्यूज कहते हैं। ये फ्यूज short circuit fault के अन्तर्गत एक निश्चित समय तक उच्चतम धारा प्रवाह की क्षमता रखते हैं
अगर निश्चित समय के अन्तर्गत, short circuit fault स्वत: ठीक हो जाये तो फ्यूज पिघलकर नष्ट नहीं होता है। परन्तु यदि fault ठीक नहीं होता है तो fuse पिघलकर नष्ट हो जाता है। जिससे परिपथ में बह रही धारा का मान शून्य हो जाता है।
HRC FUSE के लाभ
इसकी operation speed उच्च होती है। तथा इन्हें maintenance की आवश्यकता नहीं होती है। यह एक विश्वसनीय सुरक्षात्मक उपकरण है। ये fuse 2 से 800 amp तक की धारा के लिये निर्धारित होते हैं।
अभी तक आपने कम वोल्टेज वाले फ्यूज के बारे में जाना हैं इनकी विद्युत क्षमता तथा सर्किट को ब्रेक करने की क्षमता कम होती है। अत: इन फ्यूजों को उच्च वोल्टेज सिस्टम के लिए काम में नहीं ले सकते हैं।
उच्च वोल्टेज सिस्टम के लिए उपयोग में आने वाले फ्यूज निम्न प्रकार है।
Cartridge :- उच्च वोल्टेज cartridge फ्यूज 33 KV पर 8700A तक breaking capacity के लिए काम में लिए जा सकते है 6.6 KV पर 200 A के लिए तथा 11 KV पर 50 A Breaking Capacity के फ्यूज उपलब्ध है।
इनकी संरचना कम वोल्टेज वाले कारतूस फ्यूज के समान होती है | इस फ्यूज के डिजाइन में बदलाव करके हम इसे उच्च वोल्टेज सिस्टम के लिए उपयोग कर सकते हैं। जैसे कि फ्यूज के element को helix form में डिजाइन करके उच्च वोल्टेज सिस्टम के लिए उपयोग कर सकते हैं
क्योंकि ऐसा करने से उच्च वोल्टेज सिस्टम में उत्पन्न होने वाले corona effect से बचा जा सकता है दूसरा दो फ्यूज तारों को समान्तर में लगाकर जिसमें एक कम प्रतिरोध का तार (जैसे कि Silver Wire ) तथा दूसरा उच्च प्रतिरोध का तार (जैसे कि Tungsten Wire)।
सामान्य अवस्था में कम प्रतिरोध वाला तार परिपथ की धारा को वहन करेगा। fault स्थिति में कम प्रतिरोध वाला तार जल जायेगा तथा उच्च प्रतिरोध तार परिपथ की धारा को एक समय के लिए controlled करेगा तथा कुछ समय उपरान्त उच्च प्रतिरोध तार भी जलकर सर्किट को बन्द कर देगा।
Liquid Type:- इन फ्यूजों के अन्दर carbon tetrachloride (कार्बन टेट्राक्लोराइड ) के solution को उपयोग में लाया जाता है। इन फ्यूजों की बहुत अधिक range उच्च वोल्टेज सिस्टम में उपलब्ध है।
इन फ्यूजों को परिपथ में 100 A पर 132 KV के लिए तथा 6100 A तक के परिपथ में काम में लिया जा सकता है
Conclusion
मुझे पूर्ण विशवास है की मैंने आप लोगों को फ्यूज क्या है ?- Fuse kya hai ?के बारे में पूरी जानकारी दी। और में आशा करता हूँ आप लोगों को फ्यूज क्या है ?- Fuse kya hai ? के बारे में समझ आ गया होगा.
आपको यह लेख फ्यूज क्या है ?- Fuse kya hai ? कैसा लगा आप हमे जरूर कमेंट के माध्यम से बताये ताकि हम समे और सुधार कर सके और भविष्य में और भी अच्छे लेख आप लोगो तक पंहुचा सके |
धन्यवाद
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