करणी माता – Karni Mata :-
आप सभी ने करणी माता के बारे में जरूर सुना होगा लेकिन बहुत कम लोग करणी माता के इतिहास के बारे में जानते है
इस पोस्ट में आप को करणी माता के इतिहास से सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त होगी जैसे की करणी माता का जन्म कहा व कब हुआ ? करणी माता के बच्चपन का नाम क्या था ? , करनी माता के माता-पिता का क्या नाम था ? , करनी माता का मंदिर कहा स्थित है ? , करणी माता किनकी कुल देवी हैं |
करणी माता का जन्म सुआप (जोधपुर ) गांव में सन 1387 ई. में हुआ था करणी माता को बच्चपन में रिद्धि बाई के ना से पुखरा जाता था कहा जाए तो करनी माता के बच्चपन का नाम रिद्धि बाई था
इनके पिता का नाम मेहा जी चारण था तथा इनकी माता का नाम देवल बाई था करणी माता को दाढ़ी वाली माता भी कहते है
करणी माता चारणों व बीकानेर के राठोड शासको की कुल देवी है ये 150 साल तक जीवित रही थी
करणी माता का विवाह जीवन :- करणी माता का विवाह देपावत बिठु के साथ हुआ | इनके के वंशज ‘देपावत’ कहलाते है
करणी माता के पुत्र लछमण की मृत्यु कोलायत झील (बीकानेर )मे डुबने से हुई इस कारण चारण जाति के लोग ‘कोलायत झील’ मे नही नहाते है |
करणी माता को चूहों वाली देवी भी कहा जाता है इनके मंदिर में पाए जाने वाले सफ़ेद चूहों को ‘काबा’ कहा जाता है करणी माता के मंदिर को ‘मठ’ कहा जाता है | करणी माता की मूर्ति ‘अंधे कारीगर’ ने बनाई
करणी माता का एक रूप ‘सफ़ेद चिल’ है करणी माता को ‘लापसी’ का भोग लगाया जाता है करणी माता के मंदीर मे सावन भादो कड़ाई राखी है ‘राव जोधा’ ने 1459 मे ‘मेहरान गढ़ दुर्ग तथा जोधपुर नगर’ की स्थापना करणी माता के आशीर्वाद से की थी
1488 मे राव बिका ने बीकानेर की स्थापना की थी | करणी माता की गायो का गवाला ‘दशरथ मेघवाल’ गायो की रक्षा करते मरा था |
नोट -देश नोक की स्थापना स्वयं करनी माता ने की थी |
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