पौधों में पोषक तत्वों की कमी से होने वाले लक्षण

जी दोस्तों आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम पौधों में पोषक तत्वों की कमी से होने वाले रोगों के लक्षण जैसे कि, पौधों में नत्रजन की कमी के लक्षण, पौधों में केल्शियम की कमी के लक्षण, पौधों में मैग्निशियम की कमी के लक्षण, पौधों में गन्धक की कमी के लक्षण, पौधों में जस्ते की कमी के लक्षण, पौधों में लोहे की कमी के लक्षण, पौधों में ताम्बे की कमी के लक्षण, पौधों में मैंगनीज की कमी के लक्षण, पौधों में बोरोन की कमी के लक्षण, पौधों में मोलिब्डेनम की कमी के लक्षण, पौधों में क्लोरीन की कमी के लक्षण, पौधों में फॉस्फोरस की कमी के लक्षण, तथा पौधों में पोटाश की कमी के लक्षण आदि की जानकारी प्राप्त करेंगे|

पौधों में पोषक तत्वों की कमी “नत्रजन की कमी के लक्षण” :-

  1. पौधे हल्के पीले रंग के दिखाई पड़ते है|
  2. पौधे बौने रह जाते है|
  3. इनमे प्रोटीन प्रतिशत कम होती है|
  4. नत्रजन की भारी कमी में, पौधे पर फूल नही बनते है जिससे पौधे की उपज गिर जाती है|
  5. कल्ले वाली फसलों में कल्ले कम फूटते है| जैसे अनाज कुल वाली फसले|
  6. पौधे की पत्ती के किनारे व नोक झुलसी हुई नजर आती है| नत्रजन पौधों में गतिशील होने के कारण कमी के लक्षण पहले पुरानी (निचली) पत्तियों पर आते है और फिर ऊपर की ओर नई पत्तियों प्रभावित होती होती है व सूख जाती है|

पौधों में “गन्धक की कमी के लक्षण” :-

  1. नत्रजन की कमी से पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है|
  2. पौधे की ऊपरी पत्तियों की शिराये व शिराओं के बीच के भाग हल्के रंग के हो जाते है|

पौधों में “केल्शियम की कमी के लक्षण” :-

  1. पौधों में केल्शियम की कमी के कारण जड़ो का विकास अपूर्ण होता है|
  2. अग्रिम कलिका सूख जाती है|\
  3. कलियाँ व फल अपरिपक्व अवस्था में मुरझा जाते है|
  4. नई पत्तियों के किनारे झुक या सिकुड़ जाते है|
  5. पत्तियों के किनारे व सिरा मुड़ जाता है|

पौधों में “मैग्निशियम की कमी के लक्षण” :-

  1. मैग्निशियम की कमी से अधिक पुरानी पत्तियाँ सूख जाती है|
  2. इसकी कमी से पत्तियाँ अपरिपक्व अवस्था में गिर जाती है|
  3. पौधों की पत्तियाँ ऊपर की ओर मुड़ जाती है|
  4. पत्तियाँ का आकार छोटी रह जाती है तथा इन पर फफूंद का आक्रमण हो सकता है|
  5. पौधों की निचली पत्तियों का रंग किनारे व तने के बीच से नष्ट होता है| नसे हरी बनी रहती है|

पौधों में “लोहे की कमी के लक्षण” :-

  1. पौधे का तना छोटा रह जाता है|
  2. पौधों की नई पत्तियाँ पहले पीली पडती है|
  3. पत्तियों के किनारे बहुत समय तक हरे बने रहते है तथा नसे हरी बनी रहती है| नई कलिकाएँ मुरझाई नजर आती है|

पौधों में “जस्ते की कमी के लक्षण” :-

  1. पौधों की पत्तियों के किनारे मुड़ जाते है|
  2. पत्तियों का रंग धुधंला पीला हो जाता है|
  3. फलों का आकार छोटा हो जाता है तथा फलों में बीजों का उत्पादन घट जाता है| फल व कलिका रचना बहुत कम होती है|
  4. जस्ते की कमी के लक्षण नयी व पुरानी पत्तियों पर एक साथ दिखाई पड़ते है| पत्तियों का आकार छोटा हो जाता है, पत्तियाँ मुड़ सकती है|
  5. नये पौधों में डाइबैक का प्रभाव पाया जाता है| धान में खेरा रोग हो जाता है|
  6. नींबू कुल में लक्षण स्पष्ट दिखाई देता है| इसका तना बौना रह जाता है|

पौधों में “ताम्बे की कमी के लक्षण” :-

  1. नींबू कुल के पौधों में, नई वृद्धि वाले भागों में डाइबैक हो जाता है|
  2. नई पत्तियों के किनारे व् नोंक में क्लोरोसिस व पत्तियाँ बदरंग दिखाई पडती है|
  3. नींबू कुल के फलों में लाल भूरे धब्बे अनियमित आकार के पाये जाते है|
  4. फलों के रस में अम्ल कम बनता है|

पौधों में “मैंगनीज की कमी के लक्षण” :-

  1. जई पर बहुत ही शीघ्र कमी के लक्षण आते है|
  2. पत्तियों पर मृत उत्तियो के धब्बे बन जाते है|
  3. पत्तियों की नसे हरी बनी रहती है|
  4. नई पत्तियों की नसों के बीच क्लोरोसिस अत्यन्त कमी में पत्तियों का हल्का रंग, सफेद हो जाता है|

पौधों में “बोरोन की कमी के लक्षण” :-

  1. दलहनी फसलों में जड़ो की ग्रन्थियों में वृद्धि रुक जाती है|
  2. कुछ पौधों में तने फट जाते है|
  3. गोभी में फूल का आकार अनियमित छोटा व फल पर लाल धब्बे पड़ जाते है|
  4. कलिका का रंग हल्का हरा हो जाता है तथा आधार पर पीला पाया जाता है|
  5. जड़ वाली फसलों में काले धब्बे या बीच वाले भाग में पत्तियाँ पाई जाती है|
  6. इसकी अधिक कमी के कारण वृद्धि भागों की मृत्यु हो जाती है|
  7. कुछ अवस्थाओं में पत्तियाँ मुड़ जाती है|

पौधों में “क्लोरीन की कमी के लक्षण” :-

  1. खेत में इसकी कमी के लक्षण अभी तक नही देखे गये है| गमलो में क्लोरी की कमी में, पत्तियों में विल्ट के लक्षण नजर आते है|
  2. पत्ता गोभी में इसकी कमी में पत्ते मुड़ जाते है|
  3. बरसीम की पत्तियाँ छोटी व मोटी हो जाती है|

पौधों में “मोलिब्डेनम की कमी के लक्षण” :-

  1. इसमें पौधे पीले व छोटे नत्रजन की कमी के समान होते है|
  2. पौधों की नई पत्तियों पर, लक्षण दिखाई पड़ते है\
  3. दलहनी पौधों पर लक्षण स्पष्ट होते है तथा इनकी जड़ो में बनने वाली ग्रन्थिया कमजोर रहा जाती है|
  4. जई की पत्तियाँ पीछे की ओर झुक जाती है|
  5. टमाटर की नीचे की पत्तियों के किनारे के मुड़ जाते है|

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