वर्तमान स्थिति (11 मई 2025 तक)
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष ने दोनों देशों को एक बार फिर युद्ध के कगार पर ला दिया है। हालांकि, 10 मई 2025 को अमेरिका की मध्यस्थता से एक तत्काल युद्धविराम की घोषणा की गई थी, लेकिन इसके कुछ ही घंटों बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया। कश्मीर क्षेत्र में विस्फोटों की आवाज़ें सुनी गईं, और भारत ने पाकिस्तान पर संघर्ष विराम तोड़ने का आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया कि उसने तीन पाकिस्तानी एयरबेस पर मिसाइल हमले किए ।
संघर्ष की पृष्ठभूमि: कैसे शुरू हुआ यह टकराव?
इस संघर्ष की शुरुआत 22 अप्रैल 2025 को हुई, जब भारतीय नियंत्रित कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकवादी हमले में 26 हिंदू पर्यटकों की मौत हो गई। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराया और जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के अंदर गहरे हवाई हमले किए। इसके परिणामस्वरूप, दोनों देशों के बीच तीव्र सैन्य झड़पें, मिसाइल हमले और ड्रोन स्ट्राइक हुए, जिससे दर्जनों लोगों की जान गई और हजारों लोग विस्थापित हुए ।
अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता और संघर्ष विराम
अमेरिका, विशेष रूप से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मध्यस्थता से, दोनों देशों ने 10 मई को एक तत्काल संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की। हालांकि, इस घोषणा के कुछ ही घंटों बाद, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया, जिससे क्षेत्र में तनाव बना हुआ है ।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- संयुक्त राष्ट्र: दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान की अपील की।
- चीन और रूस: तनाव कम करने के लिए वार्ता का समर्थन किया।
- सऊदी अरब और ईरान: मध्यस्थता की पेशकश की।
- यूरोपीय संघ: मानवाधिकारों की रक्षा और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
- विमानन क्षेत्र: भारत ने अपने 27 हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया, जिससे 430 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं।
- जल संधि: भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान में जल संकट गहरा गया।
- सोशल मीडिया: भारत ने पाकिस्तान समर्थित कई सोशल मीडिया खातों को ब्लॉक कर दिया, जबकि पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।
भविष्य की संभावनाएँ
हालांकि वर्तमान में संघर्ष विराम लागू है, लेकिन दोनों देशों के बीच अविश्वास और तनाव बना हुआ है। यदि दोनों पक्ष कूटनीतिक वार्ता और आपसी समझ के माध्यम से समाधान नहीं खोजते हैं, तो भविष्य में फिर से संघर्ष की संभावना बनी रहती है।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान कितना आवश्यक है। जब तक दोनों देश आपसी संवाद और समझ के माध्यम से समाधान नहीं खोजते, तब तक क्षेत्र में शांति स्थापित करना कठिन होगा।