बानू मुश्ताक की कन्नड़ कहानी संग्रह Heart Lamp ने इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार 2025 जीतकर इतिहास रच दिया। जानिए इस ऐतिहासिक जीत की कहानियाँ, अनुवादिका दीपा भास्ती की भूमिका और इसके सामाजिक संदेश के बारे में हिंदी में पूरी जानकारी।
- बानू मुश्ताक की कन्नड़ कहानी संग्रह “Heart Lamp” ने 2025 का प्रतिष्ठित इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया है। यह पहली बार है जब किसी कन्नड़ पुस्तक और लघु कथा संग्रह को यह सम्मान प्राप्त हुआ है।
“Heart Lamp” की प्रमुख विशेषताएँ:
- लेखिका: बानू मुश्ताक, एक वकील, सामाजिक कार्यकर्ता और महिला अधिकारों की पैरोकार हैं।
- अनुवादिका: दीपा भास्ती, जिन्होंने इस संग्रह का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया और पहली भारतीय अनुवादक बनीं जिन्हें यह पुरस्कार मिला।
- प्रकाशक: “And Other Stories” (UK स्थित स्वतंत्र प्रकाशन)।
- कहानियाँ: 12 लघु कथाएँ जो 1990 से 2023 के बीच लिखी गईं, जिनमें मुस्लिम और दलित महिलाओं के जीवन, संघर्ष, और सामाजिक अन्याय को दर्शाया गया है।
- थीम: महिलाओं के अधिकार, जाति व्यवस्था, धार्मिक पितृसत्ता, और सामाजिक असमानता।
पुरस्कार और मान्यता:
- £50,000 का पुरस्कार राशि, जिसे लेखिका और अनुवादिका में समान रूप से बाँटा गया।
- इंटरनेशनल
- पुरस्कार 2025 में पहली बार किसी कन्नड़ पुस्तक और लघु कथा संग्रह को यह सम्मान मिला।
- दीपा भास्ती को अनुवाद के लिए PEN Translates Award भी प्राप्त हुआ।
कहानियों की झलक:
- “Black Cobras”: एक समुदाय की महिलाओं द्वारा मस्जिद प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ संघर्ष।
- “Heart Lamp”: लेखिका के अपने प्रसवोत्तर अवसाद से प्रेरित कहानी, जिसमें एक महिला अपने दमनकारी विवाह से मुक्ति की कामना करती है।
- “Red Lungi”: सामाजिक वर्ग भेद पर व्यंग्य करती कहानी, जो एक सामूहिक खतना कार्यक्रम के दौरान घटित होती है।
- “Be a Woman Once, Oh Lord!”: लिंग अन्याय के खिलाफ एक सशक्त विरोध।
प्रतिक्रियाएँ:
मैक्स पोर्टर (जज पैनल के अध्यक्ष): “Heart Lamp अंग्रेज़ी पाठकों के लिए कुछ नया है। यह कहानियाँ सुंदर, जीवंत और जीवन की पुष्टि करने वाली हैं।”
बानू मुश्ताक: “मेरी कहानियाँ उन महिलाओं के दर्द और संघर्ष से प्रेरित हैं जो मेरे पास मदद के लिए आती हैं।”
दीपा भास्ती: “अनुवाद मेरे लिए एक सहज प्रक्रिया है, और ‘Heart Lamp’ के लिए मैंने कहानियों का चयन स्वतंत्र रूप से किया।”
नवीनतम अपडेट:
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और सांसद शशि थरूर ने इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी और कन्नड़ साहित्य की वैश्विक मान्यता को सराहा।
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“Heart Lamp” की सफलता ने भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं के साहित्य को वैश्विक मंच पर पहुँचाया है।
निष्कर्ष
“Heart Lamp” न केवल साहित्यिक उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण, और क्षेत्रीय भाषाओं की वैश्विक मान्यता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बानू मुश्ताक और दीपा भास्ती की यह उपलब्धि भारतीय साहित्य के लिए गर्व का विषय है।