दोस्तों आज के इस छोटे से आर्टिकल में हम पौधों में फॉस्फोरस की कमी से होने वाले रोगों के लक्षणों के बारे में जानेंगे|
पौधों में फॉस्फोरस की कमी से होने वाले रोगों के लक्षणों
पौधों की जड़ो की वृद्धि व विकास बहुत कम होता है तथा कभी कभी जड़े भी सूख जाती है|
पौधों छोटे रह जाते है, तथा पत्तियों का रंग नीला अथवा बैंगनी हरा हो जाता है|
परिपक्वता देर में होती है, फूल-फल बहुत देर में बनते है तथा फलों या बीजों का आकार बहुत छोटा होता है|
पत्तियों का रंग हल्का बैंगनी या भूरा हो जाता है| पौधों में फॉस्फोरस गतिशील है अतः लक्षण पहले नीचे की पत्तियों पर व फिर ऊपर की पत्तियों की ओर बढ़ते है|
पत्तियों के सिरे से यह रंग प्रारम्भ होकर, किनारों की ओर बढ़ता है| पत्तियों के मुख्य नसे हरी रहती है| चौड़ी पत्ती वाले पौधे में पत्तियों का आकार छोटा रह जाता है| आलू में पत्तियाँ प्याले का आकार बना लेती है|
पौधे में पर्व छोटे रह जाते है| शाखाएँ पतली एवं कमजोर हो जाती है|
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