दोस्तों आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम हमारा सौर मण्डल और पृथ्वी, हमारे सौर मण्डल के ग्रह तथा हमारा सौर परिवार से संबंधित जानकारी प्राप्त करेंगे|
हमारा सौर मण्डल या हमारा सौर परिवार या हमारी पृथ्वी
हमारा सौर मण्डल या हमारा सौर परिवार या हमारी पृथ्वी :- सौर मण्डल अर्थात सूर्य के गिर्द घूमने वाले 8 मुख्य ग्रहों में से एक है| यहाँ के पर्वत, नदियाँ, जलाशय, वन, मरुस्थल, जीव-जन्तु आदि आकर्षण का केन्द्र है| अत: इसके बारे में विस्तार-पूर्वक जानकारी के लिए मनुष्य आदिकाल से ही प्रयत्न करता रहा है और आज भी कर रहा है|
- पृथ्वी लट्टू की तरह घूमती हुआ एक गोलाकार खगोलीय पिण्ड है|
- यह सूर्य के चारों ओर घूमती है|
- इसका एक परिक्रमण लगभग 365 1/4 दिन में पूरा होता है|
- इसकी सूर्य से औसत दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है|
- यह दूरी हमारे लिए महत्वपूर्ण है| यदि पृथ्वी सूर्य के अधिक निकट होती तो हम तक आने वाली गर्मी इतनी प्रचण्ड होती की यहाँ जीव-जन्तुओं का अस्तित्व सम्भव नही हो पाता और यदि पृथ्वी सूर्य से अधिक दूरी पर होती तो अधिक ठण्ड के कारण भी यहाँ कोई जीवधारी न होता है|
अक्ष किसे कहते है?
पृथ्वी लट्टू की तरह घूमती है इस परिभ्रमण में पृथ्वी के ठीक बीचों जो स्थिर सरल रेखा मानी जाये जिस पर पृथ्वी घूमती है, उसे “अक्ष” या भौगोलिक अक्ष कहते है|
दक्षिणी ध्रुव किसे कहते है?
अक्ष के उत्तरी सिरे को “उत्तरी ध्रुव” और दक्षिणी सिरे को “दक्षिणी ध्रुव कहते है| भौगोलिक ध्रुव घूमती हुई पृथ्वी के धरातल पर स्थित बिन्दु होते है|
विषुवत रेखा या भूमध्य रेखा किसे कहते है?
विषुवत रेखा या भूमध्य रेखा– दोनों ध्रुवों से बराबर दूरी पर ग्लोब के बीचों-बीच चारों ओर जो काल्पनिक रेखा खींची हुई है उसे ‘विषुवत रेखा‘ या ‘भूमध्य रेखा‘ कहते है|
दक्षिणी गोलार्द्ध तथा उत्तरी गोलार्द्ध किसे कहते है?
भूमध्य रेखा ग्लोब को दो बराबर भागों में बाँटती है उत्तर का भाग ‘उत्तरी गोलार्द्ध’ और दक्षिण का भाग ‘दक्षिणी गोलार्द्ध कहलाता है|
सूर्य क्या है तथा सूर्य का वर्गीकरण
सूर्य – यह अत्यन्त गर्म प्रज्वलित गैसीय पदार्थो का एक बहुत बड़ा गोलाकार खगोलीय पिण्ड है, जिसका व्यास लगभग 14 लाख कि.मी. (13,92,520 कि.मी.) है|
- इसका आयतन हमारी पृथ्वी की अपेक्षा लगभग 13 लाख गुना से भी अधिक है|
- यह एक मध्यम आयु का सितारा है जिसकी आयु लगभग 4,600 करोड़ वर्ष अनुमानित की गई है|
- इसकी पृथ्वी से दूरी लगभग 15 करोड़ (14,95,97,900 कि.मी.) है|
- इसके प्रकाश को हम तक पहुंचने में लगभग 8 1/3 मिनट लगते है, जब प्रकाश 1 सेकण्ड में लगभग 3 लाख किलोमीटर की दूरी तय करता है|
- यह अपनी धुरी पर 25 दिन 9 घण्टे और 7 मिनट में एक बार परिभ्रमण करता है|
- यही हमारी पृथ्वी को प्रकाश, गर्मी शक्ति तथा जीवन प्रदान करता है|
- समस्त जीवधारियों के प्राथमिक भोजन के लिए होने वाली प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सूर्य के बिना असम्भव है|
तारे किसे कहते है?
तारे एक प्रकार से रात को आकाश में असंख्य तारे अथवा नक्षत्र दिखाई देते है| ये तारे वास्तव में बड़े-बड़े सूर्य है इसमें से कई तो हमारे सूर्य से भी कई गुना बड़े है| इनके अपने सौर मण्डल है| परन्तु वे सब हम से बहुत दूर है दूरी का अनुमान हम इस बात से लगा सकते है कि इनमें से जो नक्षत्र सबसे अधिक हमारे समीप है उसका प्रकाश हम तक लगभग 4 वर्ष में पहुँच पाता है (प्रकाश की गति 3,00,000 कि.मी./सेकण्ड)|
कुछ नक्षत्रों का प्रकाश तो हमारी धरती तक पहुंचा ही नही, इस अथाह दूरी के कारण ही हमे तारे इतने छोटे दिखाई देते है| असंख्य सौर मण्डल और अन्य पिण्डो को मिलाकर ब्रह्माण्ड बनता है|
अंतरिक्ष किसे कहते है?
अंतरिक्ष किसे कहते है?-तारों, ग्रहों और अन्य खगोलीय पिण्डो के बीच जो अनन्त खाली स्थान है, उसे अंतरिक्ष कहते है|
ग्रह किसे कहते है समझाइए
ग्रह(शास्त्रीय ग्रह) – उन गोलाकर पिण्डों को ग्रह कहते है जो सूर्य के चारों ओर निरन्तर घूमते रहते है| वे सभी ग्रह सूर्य से प्रकाश तथा ताप प्राप्त करते है| उनमे से आठ ग्रह प्रमुख है, जिनमें हमारी पृथ्वी भी एक है| सूर्य से दूरी के क्रम में उन ग्रहों के नाम ये है:- बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण, और वरुण| बुध की दूरी सूर्य से लगभग 6 करोड़ किलोमीटर है और प्लूटो जो एक बौना ग्रह है, की लगभग 6 अरब किलोमीटर है| बृहस्पतिआकार में सबसे बड़ा ग्रह है और बुध सबसे छोटा ग्रह है|
यहाँ भी पढ़े :- सौर मण्डल में कितने ग्रह है?
बौने ग्रह किसे कहते है समझाइए
बौने ग्रह –हमारे अब तक ज्ञात सौरमण्डल से बाहर भी अन्यत्र कुछ और भी छोटे-छोटे पिंड ज्ञात हुए है, जो हमारे सूर्य की परिक्रमा करते है| परन्तु नई ग्रह की परिभाषा के अनुसार सूर्य की परिक्रमा के अतिरिक्त उनका द्रव्यमान भी इतना होना चाहिए कि वे अपना आकार लगभग गोलाकार रख सके और साथ ही उनकी कक्षा अपने पड़ोसी के मार्ग को ना काटे|
यह परिभाषा प्लूटो पर खरी नही उतरती है इस लिए उसे अन्य खोजे गए नए छोटे व् अनियमित आकार के दूरस्थ बाहरी पिंडो के साथ ‘बौने ग्रह’ की श्रेणी में रखा गया है| इस श्रेणी में प्लूटो के साथ ‘सेरस’ तथा ‘2003 यूबी 313’ नामक बौने ग्रह (पिंड) भी है|
यह जरुर पढ़े :- माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में फाइल कैसे सेव करे?
उपग्रह कितने होते है?
जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते है, ठीक वैसे ही उपग्रह अपने -अपने ग्रहों की परिक्रमा करते है| हमारी पृथ्वी का एक ही उपग्रह है जिसे हम चन्द्रमा या चाँद कहते है| बुध और शुक्र का कोई उपग्रह नही है| मंगल के 2 उपग्रह है, बृहस्पति के 63, शनि के 33, अरुण के 27, और वरुण के 13 तथा प्लूटो का 1 उपग्रह है|
शनि के चारों ओर घूमती हुई धूल के अनेक छल्लों से मिल कर बना एक विशाल छल्ला इस ग्रह को एक विशेष रूप प्रदान करता है, जो अन्यत्र देखने को नही मिलता है|
चन्द्रमा पृथ्वी का क्या है?
यह हमारी पृथ्वी का उपग्रह है| इसकी पृथ्वी से दूरी लगभग 4 लाख किलोमीटर है| यह लगभग 29.5 दिन में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करता है| इस अवधि को एक ‘मास’ कहते है| सभी ग्रहों और उपग्रहों की भांति चन्द्रमा भी सूर्य से ही प्रकाश पाता है| जब चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच होता है और उसका अप्रकाशित भाग हमारी ओर होता है, जब हमे चाँद दिखाई नही देता है|
सौर मंडल और सौर परिवार
सूर्य और उसके चारों ओर घूमने वाले 8 ग्रहों और इन ग्रहों का परिक्रमण करने वाले उपग्रहों को मिला के ‘सौर मंडल’ या ‘सौर परिवार’ कहा जाता है| इसके अतिरिक्त और परिवार में अनेक ‘क्षुद्र ग्रह‘ भी है जो मंगल और बृहस्पति के मार्गो के बीच के भाग में घूमते है| वे बहुत छोटे-छोटे पिण्ड है| सभी ग्रह और उपग्रह अपने-अपने ‘अक्ष’ पर भी घूमते है, जैसे लट्टू घूमता है, इसे परिभ्रमण कहते है इसके अतिरिक्त बाहरी सौरमंडलीय बौने ग्रह भी हमारे और परिवार के ही दूरस्थ सदस्य है, जिनमे प्लूटो भी एक है|