दोस्तों आज के इस लेख में हम पौधों में पोटाश की कमी से होने वाले रोग के लक्षण तथा पौधों में पोटाश से सम्बंधित आदि प्रकार की जानकारी प्राप्त करेंगे|
पौधों में पोटाश की कमी से होने वाले रोग के लक्षण
- पोटेशियम की कमी से पौधों में पर्व की लम्बाई घटती है| पौधों की वृद्धि में कमी आती है|
- पोटेशियम की कमी से पौधों में पत्तियाँ धब्बेदार व भूरी हो जाती है|
- इसकी कमी से पहले लक्षण पुरानी नीचे की पत्तियों पर प्रदर्शित होते है| पत्तियाँ समय से पूर्व ही गिर जाती है|
- पौधों की पत्तियों के सिरे व किनारे झुलसे नजर आते है| कभी-कभी पत्तियों मोटी पड़ने लगती है और पत्तियों के सिरे मुड़ने लगते है| मुख्य नसे हरी बनी रहती है| बाद में सूखकर जालीदार संरचना बनती है|
- कपास में फसल वृद्धि के समय ही पत्तियाँ गिरने लगती है| डोडे ठीक प्रकार से नही खुलते है|
- पोटेशियम की कमी से फल वृक्षों में फूल व फल कम आते है|
- तम्बाकू के पौधे में पत्तियों की नसों के बीच में सिरों पर या किनारों पर ऊतक निर्जीव हो जाने के कारण फल छोटे पड़ जाते है|
- आलू में पोटाश की कमी से पत्तियों का रंग गहरा हरा हो जाता है, जो बाद में पीले भूरे एवं कांसे के रंग में परिवर्तित हो जाता है|
- कन्द छोटे पड़ जाते है तथा जड़ो का विकास कम होता है| दलहनी फसलों में पत्तियों के किनारे पर पीले सफेद धब्बे पड़ जाते है|
- पोटाश की कमी से मक्का में भुट्टे छोटे तथा सिरे पर दाने कम निकलते है|
- पौधों की जड़ो का कम विकास होता है|
जानिये पोटाश का उपयोग कब करना चाहिए?
पोटाश खाद का उपयोग खेत में बुआई से पहले तथा रोपाई के समय करना चाहिए| जबकि बलुई मिट्टी में इसका प्रयोग अधिक करना चाहिए|
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