चुम्बकत्व तथा चुम्बकत्व का अणु सिद्धान्त/आधुनिक सिद्धान्त

चुम्बकत्व

भौतिक विज्ञान कि इस शाखा के अंतर्गत चुम्बकत्व का अणु सिद्धान्त, आधुनिक सिद्धान्त, चुम्बकीय क्षेत्र, चुम्बकीय विभव आदि का अध्ययन किया जाता है|

चुम्बकत्व का अणु सिद्धान्त(Weber-1852, Erwing-1890ई.)

किसी चुम्बकीय पदार्थ का प्रत्येक अणु अपने आप में एक पूर्ण चुम्बक होता है|

अन्य गुण

  1. चुम्बक के दोनों ध्रुवों की प्रबलता समान होती है|
  2. किसी चुम्बक को दो या दो से अधिक भाग में तोड़ने पर प्रत्येक भाग अलग से पूर्ण चुम्बक ही रहता है|
  3. क्यूरी बिन्दू – वह तापक्रम(690C से 870C) जिस पर चुम्बक अपना चुम्बकत्व खो देता है, क्यूरी बिन्दु कहलाता है|
  4. मैग्नेटोस्ट्रीक्शन(Magnetostriction) – जब किसी लोहे की छड़ को चुम्बकीय किया जाता है, तो इसकी लम्बाई बढ़ जाती है| यह प्रक्रिया मैग्नेटोस्ट्रीक्शन कहलाती है|

चुम्बकत्व का आधुनिक सिद्धान्त

चुम्बकत्व का कारण इलेक्ट्रोनका कक्षा में घूमना है| विपरीत ध्रुवों में आकर्षण तथा समान ध्रुवों में परस्पर विकर्षण होता है|

चुम्बकीय क्षेत्र क्या है

वह क्षेत्र चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है जहाँ तक चुम्बक का प्रभाव रहता है घूमते हुए आवेश का भी चुम्बकीय क्षेत्र होता है|

चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता

किसी चुम्बकीय क्षेत्र में इकाई उत्तरी ध्रुव द्वारा अनुभव किया गया बल उस बिन्दु की चुम्बकीय तीव्रता कहलाता है|

तीव्रता = एम्पीयर/मीटर

चुम्बकीय विभव क्या है

इकाई उत्तरी ध्रुव कोअनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य, उस बिन्दु का चुम्बकीय विभव कहलाता है|

चुम्बकशीलता क्या है

चुम्बकीय क्षेत्र में रखे हुए चुम्बकीय पदार्थ से होकर अधिक बल रेखाएं गुजरती है| इस गुण को चुम्बकशीलता कहते है|

चुम्बकीय प्रवृत्ति क्या है

किसी पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति इकाईचुम्बकीय क्षेत्र द्वारा पदार्थ में प्रेरित चुम्बकन तीव्रता है| जिस पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति अधिक है उसे आसानी से चुम्बक बनाया जा सकता है नरम लोहे के लिए इसका मान इस्पात से अधिक होता है|

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अनुचुम्बकीय पदार्थ क्या है

इसमें चुम्बकीय क्षेत्र के समानान्तर आने की प्रवृत्ति होती है| ये ठोस, तरल एवं गैस तीनों अवस्थाओं में हो सकते है, जैसे- प्लैटिनम, ऑक्सीजन, पोटेशियम|

प्रतिचुम्बकीय पदार्थ क्या है

ठोस, द्रव या गैस, जैसे-बिस्मथ एन्टिमनी, सोना इत्यादि| ये शक्तिशाली क्षेत्र से कमजोर क्षेत्र में आते ही क्षेत्र के अभिलम्ब दिशा में आ जाते है| इनमें हवा की अपेक्षा कम बल रेखाएं बनती है|

लौह चुम्बकीय पदार्थ कौनसे है

केवल ठोस एवं क्रिस्टलीय, जैसेलोहा, निकेल, कोबाल्ट इत्यादि|

पार्थिव चुम्बकीय

पृथ्वी के भीतर छोटा, किन्तु शक्तिशाली चुम्बक प्रतीत होता है, जो पृथ्वी के केंद्र से गुजरता है|

दिकपात(Declination) कोण

चुम्बकीय याम्योत्तरएवं भोगौलिक याम्योत्तर के बीच का कोण दिकपात कहलाता है|

नमन(Dip) कोण

किसी स्थान पर पृथ्वी की परिणामी चुम्बकीय तीव्रता, क्षैतिज दिशा के साथ जो कोण बनाती है वह नमन कहलाता है|

ध्रुवों पर नमन = 90

विधुवत रेखा पर नमन = 0

क्षैतिज तीव्रता किसे कहते है

किसी स्थान पर चुम्बकीय याम्योत्तर में पृथ्वी की परिणाम तीव्रता का क्षैतिज दिशा में घटक क्षैतिज तीव्रता कहलाता है|

चुम्बकीय याम्योत्तर क्या है

यह एक काल्पनिक रेखा है जो स्वतंत्र रूप से लटकाये गये चुम्बक के ध्रुवों से होकर गुजरती है|

नोट – अनुचुम्बकीय पदार्थ के लिए, चुम्बकशीलता > 1

प्रति चुम्बकीय पदार्थ के लिए चुम्बकशीलता <1

जहाज की डिसगाउसिंग

यह चुम्बकीय सुरंगो से जहाज को बचाने कीतकनीक है| जहाज में हजारों एम्पीयर की धारा प्रवाहित करके ऐसा किया जाता है|

विधुत चुम्बकीय प्रेरण

जब किसी कुण्डली सुरंगों के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र बढ़ता या घटता है तब उसमें विधुतवाहक बल प्रेरित होता है, ऐसी घटना को विधुत चुम्बकीय प्रेरण कहते है|

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