गर्मियों में किए जाने वाले 9 विशेष तप और व्रत जैसे निर्जला एकादशी, गुप्त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी और वट सावित्री व्रत की 2025 की तिथियाँ, लाभ और नियम जानिए। इन व्रतों से पाएं आध्यात्मिक और मानसिक शांति।
गर्मियों में रखे जाने वाले 9 महत्वपूर्ण तप/व्रत – लाभ और विशेष जानकारी (2025 अपडेट)
- गर्मियों का मौसम न केवल शरीर को तपाता है बल्कि आत्मा को भी तपाने का एक उत्तम अवसर होता है। भारत की सनातन संस्कृति में व्रत और तप को आत्म-शुद्धि, संयम और ईश्वर भक्ति का माध्यम माना गया है। विशेष रूप से गर्मियों में कुछ व्रत अत्यंत पुण्यदायक माने गए हैं।
यहाँ प्रस्तुत हैं 9 प्रमुख गर्मी के तप/व्रत, जिन्हें आप श्रद्धा और नियमपूर्वक कर सकते हैं:
निर्जला एकादशी (2025: 10 जून)
- सबसे कठिन व्रत, इसमें जल तक नहीं लिया जाता।
- इस दिन व्रत रखने से वर्ष भर की सभी एकादशियों का फल मिलता है।
- भीमसेन ने यह व्रत किया था।
उपाय: यदि निर्जला संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं।
सौभाग्यवती तीज / हरियाली तीज (2025: 30 जुलाई)
- विशेषकर विवाहित स्त्रियाँ इसे अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं।
- इसमें शिव-पार्वती पूजा होती है।
विशेष: हरे वस्त्र पहनना और झूला झूलना परंपरा है।
गुप्त नवरात्रि (आषाढ़) (2025: 28 जून – 6 जुलाई)
- शक्ति साधना और तंत्रिक उपासकों के लिए विशेष।
- 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा होती है।
उपयोगी: तांत्रिक और आध्यात्मिक उन्नति के इच्छुक साधकों के लिए श्रेष्ठ समय।
आषाढ़ पूर्णिमा (गुरु पूर्णिमा) (2025: 9 जुलाई)
- गुरु पूजन और ध्यान का पर्व।
- आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए उपयुक्त समय।
सुझाव: अपने गुरु या आध्यात्मिक पथप्रदर्शक को अर्पण करें।
संवत्सर व्रत
- वर्ष के प्रारंभ में लिया गया यह तप वर्ष भर के लिए शुभ फलदायक होता है।
- इसमें आत्मसंयम और एक विशिष्ट नियम का पालन होता है।
शिवरात्रि (हर माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी)
- विशेषकर ज्येष्ठ मास की शिवरात्रि गर्मियों में आती है (2025: 26 मई)
- व्रती दिन भर उपवास रखकर रात्रि में शिव पूजन करता है।
ज्येष्ठ अमावस्या व्रत (2025: 25 मई)
- पितृ शांति और तर्पण के लिए उत्तम।
- स्नान, दान एवं पितरों के लिए तर्पण का विशेष महत्व।
वट सावित्री व्रत (2025: 17 मई)
- विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करती हैं।
- वट (बड़) वृक्ष की पूजा की जाती है।
देवशयनी एकादशी (2025: 17 जुलाई)
- भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं।
- यह व्रत चातुर्मास की शुरुआत मानी जाती है।
गर्मियों में व्रत रखने के फायदे:
- शरीर में ठंडक और मन में शांति आती है।
- आत्म-अनुशासन और संयम का विकास होता है।
- मानसिक शक्ति बढ़ती है।
- आध्यात्मिक उन्नति और ईश कृपा प्राप्त होती है।
ध्यान रखने योग्य बातें
- गर्मियों में निर्जला व्रत केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही करें।
- नियमित जल सेवन करें, यदि उपवास फलाहारी हो।
- व्रत में मन, वचन और कर्म से पवित्रता बनाए रखें।
निष्कर्ष
गर्मियों में यह 9 तप और व्रत न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं बल्कि यह स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के लिए भी लाभकारी होते हैं। आप अपनी क्षमता, श्रद्धा और स्थिति के अनुसार इनमें से किसी भी तप का पालन कर सकते हैं।