अबली मीणी का महल

अबली मीणी का महल :- अबली मीणी के महल के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा लेकिन इसके इतिहास के बारे में बहुत कम लोग जानते है | आज के इस लेख में हम आपको इस महल के इतिहास के बारे में संपूण जानकारी देंगे

अबली मीणी का महल का निर्माण किसने करवाया ?

इस महल का निर्माण राव मुकुंद ने करवाया था राव मुकुंद ने सन 1649 से 1657 तक शासन किया था

अबली मीणी का महल

दरा के जंगल में  मुकुंदसिंह अक्सर शिकार खेलने जाया करते थे। एक बार जब वे जंगल में शिकार खेलने गए हुए थे  तो उन्होंने जंगल  में एक  सुंदर महिला को देखा। उस सुन्दर महिला ने अपने  सिर पर पानी से भरे दो घड़े रखे थे और वह दो  लड़ते  हुए   सांडों के सिंग अपने हाथों से पकड़कर उन्हें  अलग  कर रही थी।

 राजा मुकुंद  इस दृश्य को देख कर दंग  रह गए और   उस सुंदर महिला पर मोहित हो गए। यह वीरांगना ही खैराबाद की अबली मीणा थी। अबली पर मोहित राव मुकुंद उसे हर कीमत पर पाना चाहते थे और उन्होंने अबली के समक्ष प्रेम का प्रस्ताव रखा।

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तथा  अबली के  द्वारा  मुकुंद के प्रेम को स्वीकार कर लिया गया ।  लेकिन   अबली के द्वारा  यह शर्त रखी गई की  उसके लिए उसी स्थान पर महल बनाया जाए, जहां वो पहली बार मिले थे।

वहीं महल में रोज रात को एक दीपक ऐसे स्थान पर जलाया जाए, कि उस दीपक की रोशनी अबली के गांव खैराबाद तक दिखे। राव मुकुंद के द्वारा  अबली की शर्त के अनुसार दरा के जंगल में ही इस महल का निर्माण करवाया। जिसे आज भी अबली के नाम पर अबली मीणी के महल के रूप में जाना जाता है।

अबली मीणी का महल कहा स्थित है ?

अबली मीणी का महल कहा स्थित है

अबली मीणी का महल कोटा में स्थित है जिसे राव मुकुंद ने अबली की शर्त के अनुसार दरा के जंगल में ही निर्माण करवाया। जिसे आज भी अबली के नाम पर अबली मीणी के महल के रूप में जाना जाता है।

अबली मीणी का महल की विशेषता

अबली मीणा का महल पहाड़ पर बना  हुआ है यह महल  दो मंजिला महल है। इस महल के  नीचे आमने-सामने दो चौबारे हैं।  तथा  दोनों चौबारों के बीच में एक तिबारी है।

इस  महल में स्नान   के लिए एक चौकोर कुंड भी बनाया गया था। तथा शेष स्थान पर दास-दासियों के लिए मकान बनाए गए थे।

इस  महल की सुरक्षा के लिए इसमे  ऊंची चारदीवारी बनाई गई थी। यह अबली मीणी का महल आज भी इधर से गुजरने वाले राहगीरों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। कुछ समय पूर्व ही इस महल का जीर्णोद्धार कराया गया है।

अबली मीणी का महल प्रेम नि निशानी है इसे राजस्थान का दूसरा ताज महल भी कहा जाता है

निष्कर्ष

इस लेख में आपने अबली मीणी का  महल के बारे मे जाना है में आशा करता हु की यह लेख आपको पसंद आया होगा इसे और लोगो तक जरूर पहुचाये जिससे और लोग भी राजस्थान के इतिहास के बारे में जान सके

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