फिजिक्स
दोस्तों में इस फिजिक्स के आर्टिकल में आधुनिक भौतिकी तथा मात्रक-विखण्डन का मात्रक ‘क्यूरी’, परमाणु संख्या, परमाणु द्रव्य मान आदि का अध्ययन करेंगे|
आधुनिक भौतिकी
- परमाणु तीन मौलिक कणों- इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन से बना होता है|
- परमाणु के केन्द्र में न्यूट्रॉन एवं प्रोटॉन होते है, जबकि इलेक्ट्रॉन परमाणु की कक्षाओं में घूमते है|
- परमाणु संख्या – इलेक्ट्रॉन या प्रोटॉन की संख्या|
- परमाणु द्रव्यमान – प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन का द्रव्य मान|
- रेडियोधर्मी विकिरण कैथोड़ ऋणावेशित, एनोड धनावेशित, एक्स एवं गामा विकिरण अनावेशित होते है|
- 1 इलेक्ट्रॉनवोल्ट = 1.6×10-9 जूल|1 amu को ऊर्जा में बदलने पर 931 MeV ऊर्जा निकलती है|
- रेडियो सक्रियता – कुछ परमाणु के केन्द्रक का लगातार विखण्डन और उनका दूसरे केन्द्रको में परिणत होना रेडियो एक्टिविटी कहलाता है|
इस विखण्डन में a,b या y किरणें भी निकलती है|a-किरण धनावेशित, B-किरण ऋणावेशित एवं y-किरणें अनावेशित होती है| इस क्रिया द्वारा नये परमाणु बनते है|
रेडियोएक्टिव तत्व कौनसे है
U238, U235, Pu239,Th232 इत्यादि
अर्द्ध जीवनकाल – वह समय जिसमें रेडियो सक्रिय पदार्थो की परमाणु की संख्या मूल परमाणु की संख्या की आधी हो जाती है|
मात्रक – विखण्डन का मात्रक ‘क्यूरी’ है|
1 क्यूरी = 3.70×1010 परमाणु विखण्डन/से.
1 रदरफोर्ड = 106 परमाणु विखण्डन/से.
नोट –
रेडियोसक्रिय पदार्थ विखण्डन होते-होते एक स्थायी परमाणु विन्यास को प्राप्त कर लेते है|अधिकतर रेडियोसक्रिय पदार्थ विखण्डन के दौरान pb के परमाणु तक आकर स्थायित्व प्राप्त कर लेते है और कुछ बिस्मथ- 209 तक भी|
उन्हीं न्यूक्लियस का रेडियोसक्रिय विखण्डन होता है जिनके लिये n/p का मान 1.5 से अधिक होता है|
नाभिकीय विखण्डन को परिभाषित कीजिए
किसी भारी परमाणु केन्द्रक का लगभग दो बराबर भागों में टूटना परमाणु विखण्डन कहलाता है| इस प्रकिया में बड़ी मात्रा में ऊष्मा निकलती है| इस ऊष्मा का उपयोग परमाणु रिएक्टर में अथवा परमाणु बम बनाने में किया जाता है|
यूरेनियम 92U238 – प्राकृतिक यूरेनियम में U238 और U235 क्रमशः 99.3 और o.7%पाये जाते है|U235 अधिक विखण्डन होता है| अत: इसका प्रयोग परमाणु बम के निर्माण में किया जाता है|
एक यूरेनियम परमाणु के विखण्डन से 200MeV ऊर्जा मुक्त होती है|
क्रांतिक मात्रा – विखण्डन योग्य पदार्थ की वह न्यूनतम मात्रा जो कि श्रृंखलाबद्घ प्रतिक्रिया के लिए आवश्यक हो|
नाभिकीय रिएक्टर – वह संयंत्र जहाँ नाभिकीय श्रृंखला अभिक्रिया द्वारा उत्सर्जित ऊष्मा को विधुत ऊर्जा में बदला जाता है|
मंदक – विखण्डन की क्रिया के पश्चात् उत्पन्न न्यूट्रॉन के वेग कम करनेवाले कारक को मंदक कहते है| जैसे -ग्रेफाइट भारी जल|
शीतलक – जैसे- पानी, भाप, भारी जल, CO2 हीलियम, सोडियम इत्यादि|
फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर – वह युक्ति जिसमें विखण्डन से प्राप्त अतिरिक्त न्यूट्रॉन दूसरे विखण्डन में प्रयुक्त किये जाते है|इस रिएक्टर में शीतलक के रूप में सोडियम का प्रयोग होता ह है|
नियंत्रण छड़ – कार्य- न्यूट्रॉन का अवशोषण, जैसे- कैडमियम, बोरन|
परमाणु बम– नाभिकीय विखण्डन पर कार्य करता है|
नाभिकीय संलयन – दो छोटे न्यूक्लियसों को संयुक्त कर बड़े न्यूक्लियस का निर्माण करना नाभिकीय संलयन कहलाता है इस क्रिया के लिए बहुत अधिक ऊष्मा की आवश्यकता होती है|
1H2+1H3 = 2He4 + 0n1+ 28MeV
सूर्य की ऊर्जा नाभिकीय संलयन का ही परिणाम है|
हाइड्रोजन बम– यह नाभिकीय संलयन का कार्य करता है|
ठंडा संलयन – कम ताप पर संलयन करना, ठंडा संलयन कहलाता है|
प्रतिपादक– डॉ. स्टेनले पोन्स एवं डॉ. फिस्कमैन|
नाभिकीय फॉल आउट – एक प्रकार का नाभिकीय प्रदुषण है जो परमाणु बम गिरने के बाद रेडियो-सक्रिय पदार्थो के रूप में नीचे गिरते है|
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